शिक्षक एवं कवि रामचन्द्र नौटियाल की गढ़वाली कविता- हमारु उत्तराखंड
हमारु उत्तराखंड
भारत माँ कु शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारू कतना स्वाणू हमारु उत्तराखंड
गंगा यमुना कु उद्गम
बद्री विशाल की ज्योति अखण्ड
कतना प्यारू कतना स्वाणू हमारू उत्तराखंड
रवाईं जौनपुर जौनसार सलाण कुमाऊँ
भावर की संस्कृति अखण्ड
कतना प्यारू कतना स्वाणू हमारू उत्तराखण्ड
रवाईं तिलाड़ी काण्ड
श्रीदेव सुमन कु त्याग और
बलिदान की संघर्ष गाथा
ऊंचू करौन्दि जु उत्तराखंड कु माथा
मोलू भरदारी जीतू बगड्वाल की गाथा
तीलू रौतेली,रामी बौराणी
कु त्याग और बलिदान,
जु छन हमारा उत्तराखंड की शान
भारत माँ कु शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारु कतना स्वाणू हमारु उत्तराखंड
अनुसूइया बहुगुणा, पाण्डे बद्रीदत्त
गढ़-कूर्मांचल केसरी ह्वेन
मौलाराम गढ़वाली चित्रकार
यी छन भारत मां तैं उत्तराखंड का उपहार
भारत मां कू शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारु कतना स्वाणु हमारु उत्तराखंड
वीर चन्द्र चन्द्र सिंह गढ़वाली
माधो सिंह भण्डारी, कफू चौहान,
गबर सिंह, रानी कर्णावती,
जन भड़ ह्वेन,
उत्तराखण्ड कु स्वाभिमान,
मस्तक ऊंचू करि जौन
भारत माँ कु शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारू करना स्वाणू हमारु उत्तराखंड
गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्री केदार,
सेम नागराजा पांचों धाम
लेन्दा जौकु नाम सुबेर शाम
जैसि पड़ि उत्तराखण्ड कु देवभूमि नाम
भारत माँ कु शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारु कतना स्वाणु हमारु उत्तराखंड
उत्तर की काशी माँ विश्वनाथ बिराजदू,
पहाड़ों की रानी मसूरी द्रोण नगरी देहरादून
धन्य छन हम लोग
देवभूमि उत्तराखंड म जन्म पायू जून
महासू देवा शिवावतार
लाखामण्डल पाण्डवों की गाथा
परशुराम की जन्मस्थली कर्मभूमि
ऋषि जमदग्नि की तपस्थली
मां रेणुका कु वास छन उत्तराखंड
भारत माँ कु शीष हिमालय अखण्ड
कतना प्यारु कतना स्वाणु हमारु उत्तराखंड
पंच बदरी, पंच केदार,
पंच प्रयाग,बावन गढ़ों की
भूमि उत्तराखण्ड कतना प्यारू,
कतना स्वाणु हमारु उत्तराखंड
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे तब से ही लेखन/सृजन कार्य शुरू कर दिया था। जनपद उत्तरकाशी मे कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुन्दर रचना?