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July 10, 2025

तालिबान ने अफगानिस्तान में कांधार पर किया कब्जा, सरकार ने सत्ता में भागीदारी के प्रस्ताव को ठुकराया, यूएस भेज रहा तीन हजार सैनिक

अफगानिस्तान में सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है। तालिबान लगातार अफगान के कई क्षेत्रों पर कब्जा जमाता जा रहा है।

अफगानिस्तान में सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है। तालिबान लगातार अफगान के कई क्षेत्रों पर कब्जा जमाता जा रहा है। तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कांधार पर कब्जा करने का दावा किया। तालिबान के इस ऐलान के बाद अफगान सरकार के हाथ में राजधानी काबुल और कुछ अन्य क्षेत्र की बचेरहेंगे। तालिबानी और अफगान फौज की जंग में आम आदमी पिस रहे हैं। वहीं, सरकार के सत्ता में भागीदारी के प्रस्ताव को तालिबान ने ठुकरा दिया।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा कि- कांधार को पूरी तरह से जीत लिया गया है। मुजाहिदीन शहर के शहीद चौक पर पहुंच गए हैं। एक स्थानीय नागरिक ने भी तालिबान के इस दावे का समर्थन किया, उसने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि ऐसा लगता है कि सरकारी फौज शहर के बाहर स्थित एक सैन्य सुविधा से पीछे हट गई है।
इससे पहले गुरुवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी कब्जा जमा लिया था। हमले के बीच अफगान सुरक्षाबलों को हेरात को छोड़ना पड़ा है। तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर आधे से अधिक अफगान पर कब्जा कर लिया है। सरकार ने अधिकांश उत्तर, दक्षिण और पश्चिम अफगानिस्तान को प्रभावी रूप से खो दिया है। इस बीच सरकार ने तालीबानियों से सत्ता में भागीदारी के सौदे का प्रस्ताव रखा है।
शहर के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने एएफपी को बताया-हमें और विनाश को रोकने के लिए शहर छोड़ना पड़ा। तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि सैनिकों ने हथियार डाल दिए और मुजाहिदीन में शामिल हो गए। इससे पहले आंतरिक मंत्रालय ने काबुल से लगभग 150 किलोमीटर (95 मील) दूर और दक्षिण में कंधार और तालिबान के प्रमुख राजमार्ग के साथ गजनी शहर पर तालिबान के कब्जे की पुष्टि की थी।
तालिबान अब तक 34 प्रांतीय राजधानियों में से 11 पर कब्जा जमा चुका है. हेरात पर कब्जा तालिबान के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है। कई दिनों से जारी संघर्ष पर अफगान सुरक्षा बल और सरकार कोई टिप्पणी नहीं कर रही है। संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए। क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं।
इससे पहले खबर आई थी कि कतर में अफगान सरकार के वार्ताकारों ने तालिबान को देश में लड़ाई को समाप्त करने के बदले में सत्ता-साझाकरण सौदे की पेशकश की। इस बारे में एक सरकारी वार्ता सूत्र ने गुरुवार को एएफपी को बताया। सूत्र ने कहा-हां, सरकार ने मध्यस्थ के रूप में कतर को एक प्रस्ताव सौंपा है। यह प्रस्ताव तालिबान को देश में हिंसा को रोकने के बदले में सत्ता साझा करने की अनुमति देता है।
यूएस भेज रहा है तीन हजार सैनिक
अमेरिका अफगानिस्तान में अस्थायी तौर पर करीब 3000 सैनिकों को भेज रहा है। ये किसी लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे, बल्कि ये काबुल से अमेरिकी राजनयिकों और उसके सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के मकसद से किया जा रहा है। ये काबुल के करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात होंगे। अमेरिका में काबुल के अपने दूतावास में राजनयिकों की तादाद और घटाने का फैसला किया है।
अमेरिका दूतावास बंद नहीं कर रहा। दूतावास काम करता रहेगा। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बयान दिया है कि अगले 24 से 48 घंटे में करीब 3000 सैनिक अस्थायी तौर पर काबुल भेजे जा रहे हैं। ये किसी लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजे जा रहे हैं. हमला होने पर ही जवाबी कार्रवाई करेंगे। 650 सैनिक पहले से वहां हैं। 600 सैनिक यूके भी भेज रहा है ताकि उसके नागरिक भी सुरक्षित निकल सकें। कनाडा भी अपने राजनयिकों को निकालने के लिए स्पेशल फोर्स की तैनाती कर रहा है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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