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November 9, 2024

होली में सेहत का रखें विशेष ख्याल, गर्भवती महिलाएं बरते ये सावधानी, ऐसे छुडाएं होली का रंगः डॉ. सुजाता संजय

होली खुशियों और मस्ती से भरपूर त्यौहार है। होली के रंग उत्साह देते हैं, जिंदगी को नई उमंग देते हैं। लाजिमी है कि इस खुशी और उमंग से गर्भवती महिलाएं क्यों पीछे रहें। गर्भावस्था के दौरान भी महिलाएं रंगों से सराबोर होना और दूसरे को भिगोना चाहेंगी। इसमें कोई हर्ज नहीं हैं, मगर थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। ताकि त्यौहार का मजा किरकिरा न होने पाए। संजय ऑर्थेापीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर जाखन देहरादून की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को होली खेलने में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गर्भवती महिलाओं में कम होती है प्रतिरोधक क्षमता
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा भी उन्हें अधिक होता है। साथ ही गर्भकाल के दौरान आपकी स्किन भी बेहद सेंसिटिव रहती है। इस कारण जिन रंगों से सामान्य लोगों को कोई परेशानी नहीं होती है, उन रंगों के प्रति भी प्रेग्नेंट महिलाएं संवेदनशील हो सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिंथेटिक रंगों के खतरे
उन्होंने कहा कि बाजार में आमतौर पर मिलने वाले रंगों में सिंथेटिक, इंडस्ट्रियल डाई और ऑक्सिडाइज्ड मेटल होता है। ऐसे में ये रंग होने वाले बच्चे के नर्वस सिस्टम और सांस से संबंधित रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतना ही नहीं केमिकल वाले रंगों की वजह से गर्भपात, प्रीमच्योर डिलिवरी और जन्म के वक्त बच्चे का वजन कम होना जैसी गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सावधानी बरतने पर ये हो सकते हैं खतरे
डॉ. सुजाता संजय ने कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी है। ताकि गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य न बिगड़े और उनमें त्यौहार का उत्साह बना रहे। उनका कहना हैं कि सावधानी न बरतने पर समय से पहले बच्चे का जन्म होना, जन्म के दौरान बच्चे के वजन में कमी तथा गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनका सुझाव है कि गर्भवती महिलाएं हर्बल के रंगों से खेल सकती हैं, जो फलों तथा फूलों के द्वारा बनाई जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अपने साथ ही पेट में पल रही जिंदगी का रखें ख्याल
उन्होंने कहा कि जैसा कि आम लोग होली पर जितनी मस्ती, उछल-कूद और हुड़दंग कर सकते हैं। वहीं, गर्भवती महिलाओं को उतनी ही सावधानी बरतनी पड़ती है। अगर होली के त्योहार की मस्ती में गर्भवती महिला जरा सी लापरवाही करे तो उनकी स्किन तो डैमेज होगी ही उनके पेट में पल रहे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है। होली के त्योहार में रंगों के साथ ही पानी का भी काफी उपयोग होता है। इससे आपके बीमार पड़ने का भी खतरा रहता है। याद रखें कि होली खेलना एक तरह का मनोरंजन है। मगर गर्भवतियों को ध्यान रखना चाहिए कि अब सिर्फ आप नहीं हैं। आपके साथ एक नन्हीं जिंदगी भी है। जिसका पूरा ख्याल रखना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

खानपान का भी रखें विशेष ख्याल
डॉ. सुजाता संजय ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को खान-पान का भी खास ख्याल रखना बेहद आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को नशीले पदार्थो के सेवन से बचना चाहिए। केमिकल युक्त रंग और मिलावटी मिठाइयां किसी के लिए खतरनाक हो सकती हैं, पर गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। यह चीजें गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे, दोनों ही के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। अगर आप नई माँ हैं और बच्चे को स्तनपान करवाती हैं तो आपको भी होली के दौरान केमिकल वाले हानिकारक रंगों से दूर रहना चाहिए। क्योंकि अगर ये रंग आपके दूध के जरिए शिशु के शरीर में पहुंच जाएं, तो नवजात के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सबसे अहम गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा
उन्होंने कहा कि गर्भ के दौरान आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी आपकी और आपके बच्चे की सुरक्षा होनी चाहिए न की होली खेलना। अगर आप एक साल होली कम भी खेल लेंगी तो हर साल अपने और अपने बच्चे के साथ इस त्यौहार का आनंद ले पाएंगी। जोकि इस साल से कहीं गुणा ज्यादा होगा। इसलिए होली खेलते समय सभी सुरक्षा नियमों का सावधानी से पालन करें और अपनी और बच्चे की सेहत को लेकर थोड़ी सी भी लापरवाही न बरतें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

होली खेलने के बाद करें ये उपाय
होली खेलने के बाद अपने आपको पूरी तरह से साफ करें। लोग कई बार रंगों को साफ करने के लिए मिट्टी का तेल, नेल पेंट रिमूवर जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। आपको ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है। आप रंगों को हटाने के लिए बेसन का भी प्रयोग कर सकती हैं, जो पूरी तरह प्राकृतिक है। अगर आप पर किसी ने गीला या रसायन युक्त रंग डाल दिया है तो तुरंत अपने चेहरे को साफ पानी से धोएं। रंगों को हटाने के लिए हर्बल चीजों का ही इस्तेमाल करें। रंग लगी त्वचा पर जलन, सूखापन तथा फुंसी हो जाए तो डाक्टर से जांच करवाएं। अपनी आंखों को रंग व गुलाल से बचाएं।

 

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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