लिखूं या ना लिखूं लिखूं या ना लिखूं, आज के हालातों पर। कौन कौन है कसूरवार यहां, हवा की तलवार,...
Teacher and poet
ये कैसी करोना की हवा चली, इक भय बिखरा है गली गली। जब चारों ओर मरण का तांडव फिर बसंत...
मैं हार गया करुण रुदन आज न जाने उर में क्यों, हृदय को यथार्थता मिल गई सारी। जिसके लिए प्राण...
रोजगार दो रोजगार दो रोजगार दो, कोई तो हमें कुछ उधार दो। बेरोजगार हूं, बेरोजगार हूं, सरकार जी कुछ तो...
मत देखो नफरत भरी निगाहों से मत देखो इंसान मुझे, नफरत भरी निगाहों से। मेरा भी इस गांव से नाता,...
जन्मा था जो 25 मई 1916 को, 25 जुलाई 1944 को खो गया था। कसूर क्या था उसका बोलो, परिवार...
वेदना मेरे मन की एक वेदना है मेरे मन में, पुछूं तो पूछूं किससे। कौन कोरोना का हल्ला मचा रहा...