'अनुप्रास अलंकार' में : 'म' से 'माँ' माँ मैं मुख मन्थन मधु! मधुर मंगल मृदुल माँ! महान महन्त मातृत्व महिमा!...
student Golendra Patel
चिहुँकती चिट्ठी बर्फ का कोहरिया साड़ी ठंड का देह ढंक लहरा रही है लहरों-सी स्मृतियों के डार पर हिमालय की...
उम्मीद की उपज उठो वत्स! भोर से ही जिंदगी का बोझ ढोना किसान होने की पहली शर्त है धान उगा...