घर एक गांव में भी बनाया करो यूं अपनों की जमीन छोड़कर, शहर मत जाया करो। कब छोड़ना पड़े शहर,...
Shyamlal Bharti
जन्मा था जो 25 मई 1916 को, 25 जुलाई 1944 को खो गया था। कसूर क्या था उसका बोलो, परिवार...
बांध दिए क्यों प्राण प्राणों से! याद दिलाती ये पंक्तियां मुझे। अब यह मर्म कथा,बढ़ती विरह व्यथा, पन्त जी की...
पिंजरा बंधन का पंख लिए मैं उड़ना चाहूं पंख कतरने को आतुर तुम दूर आसमान में उड़ना चाहूं पिंजरा लिए...