खून जब बहा धर्म के नाम कल पुलवामा आज पहलगाम, मचाया किसने ये कोहराम मची है चहुंदिश चीख पुकार, खून...
Poem
छोड़ो लौंडे की यारी जैसे गधे की सवारी सीधी साधी बात भारी कहती है यह दुनिया सारी छोड़ो लौडे की...
लोग पहाड़ मैदान करते रहे, यहाँ मैदान पहाड़ दोनों सूख गये, लोग राजनीति के गीत गाते रहे, यहाँ लाखों लोग...
मानवता पर छाया संकट, हिटलर जब सत्ता में आया। वैज्ञानिकों पर चिंता गहरी, जब परमाणु विखंडन ने पथ दिखाया। फिर...
नई शुरुआत करें आओ! कोई नई शुरुआत करें। पुराना भुलाकर नया याद करें। खंडहर जीवन को आबाद करें। आओ! नई...
छोड़कर बादलों को पानी हुआ फ़रार। धूप बिछाकर जाजिम पसर गई धरा पर। हवाएं भी दुबक गईं कहीं मुंह छिपाकर।...
वक़्त का मुसाफ़िर वक़्त का मुसाफ़िर निकल पड़ा सफ़र पर। पथ अनजान मंज़िल खोई - खोई है। साथ में न...
औलाद औलाद बाप से हिसाब मांगती हैं। पैदा क्यों किया, का जवाब मांगती हैं। जिन आंखों ने कभी पढ़ें नहीं...
कितना कितना झूठ है मेरे चारों ओरसच है जो भी, झूठ पर टिकाउक्ताहट की स्थितियों मेंसबसे बड़ा सहारा हैतोड़ने को...
देखना…एकदिन सुबह फिर मुस्कुराएगी चारों ओर अंधेरा घनाआकाश काले बादल सनारातें लम्बी उदासी भरीलेकिन शीघ्र स्थितियां सुधर जाएगी देखना..सुबह फिर...