मालिनी दिवाली की खरीददारी के लिए बाजार निकली। घर सजाने के लिए बहुत सारी रंग बिरंगी झालर वाली लाइट लेनी...
Literature
किस कदर मैला हुआ है।ये बदन पहना हुआ है।। गूंजती इसमें अजानें।दिल मेरा मक्का हुआ है।। क्या कहें किससे कहें...
शादी का जश्न था। खुशगवार मौसम। हंसी खुशी का माहौल। नर- नारियों से भरा पंडाल। प्रत्येक वस्तु मानो हंस रही...
फिर उसने जिंदगी से अलविदा कह दिया होगा फ़ुर्सत के पलों मे बैठकर सोंचती हूँक्यों कोई अपनी जिंदगी से रुख्सत...
मैं सरकस का सिंह रहा सुखमय मम जीवन।मिला किंतु अब बड़ा कठिन ही है यह कानन।।बिना कष्ट था भोजन मिलता...
किसी चैनल में खबर देख रहा था कि एक सज्जन ऐसे लोगों के घर जाते हैं, जो तोता पाल रहे...
अपने अंदर छुपा दिया,या जाने कहाँ गुमा दिया,तू वैसा का वैसा फिर मुझको क्यों बदल दिया।दर्पण बता बचपन कहाँ? वो...
जहां रहता हूं आसपास जो खेत हैउनमे फसलों का उगनानिरंतर उगते रहने को कह रहा है जहां मै रह रहा...
सड़क किनारे जिंदगी मूक देखती रह जाएगी खून से सने हाथों से गिरेबाँ पकड़ी जाएगी,सामंती तलवारें नन्हें हाथों में लहराएंगी,गठजोड़ों...
एक - हैंक म , बोलद रै गिवां.अफी छकी , अफि पकी गिवां.क्या पायि-क्या ख्वायी, अबतक-तोलदा- मोलदा , अफतैं रै...