कब तक खुद को समझाएंगे। ऐसे तो हम मर जाएंगे।। झूठे ख्वाबों से यारो हम। यूं कब तक मन बहलाएंगे।।...
Ghazal of Dard Garhwali
दिल का पुर्जा पुर्जा पढ़ना। सहरा को अब दरिया पढ़ना।। दुनिया का जब नक्शा पढ़ना। अपना-अपना किस्सा पढ़ना।। खा सकता...
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दिल का पुर्जा पुर्जा पढ़ना। सहरा को अब दरिया पढ़ना।। दुनिया का जब नक्शा पढ़ना। अपना-अपना किस्सा पढ़ना।। खा सकता...
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