Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2024

Garhwali poetry

इन्द्रमणि बड़नी जी इना मन्खि कखन देखण, नेता मेरा बड़ोनी जी। अखोड़ी गौं मा जनम लीनि, उत्तराखण्ड का गाँधी जी।...

कुर्ता पैजामू मेरू पेरूं छ बौंल्या मेरू खूब सज्यूं छ भलू स्वाणु अर प्यारू लग्यौं छ ब्यौंला देखी खुश ह्वाणा...

सौंण-भादौं बरखण लग्यूछ सौंण-भादौं डांडी कांठी हरी भरी ह्वैगी । गदरा गाड़ सबी बढ़ी गैंन छ्वैला पाणी फूटीगिन घर गुठ्यारियूम...

कवि एवं साहित्यकार दीनदयाल बन्दूणी ने शिक्षक दिवस के दिन अपनी रचना को अपने गुरु को समर्पित किया है। उन्होंने...

You cannot copy content of this page