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September 27, 2024

Dr. Subhash Rupela

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माँ का दिल दुख बेटे का देख पिघलता क्यूँ है। देखकर चोट वो मरहम उसे मलता क्यूँ है।। होती है...

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कुछ सोच ज़रा देखो, लालच तो बुराई है। लालच ने हँसी जग की, दिन रात चुराई है।। की तुमने जमाखोरी,...

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नारी है परी-जैसी, स्त्री प्रेम की धारा है। सेहरा-से जीवन में, नारी ही सहारा है।। आलम में अँधेरा है, भटकाव...

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अपनी हिन्दी का सदा सम्मान होना चाहिए। देश की ये अस्मिता है, ध्यान होना चाहिए।। भूल निज भाषा जहाँ में...

आसान नहीं दुल्हे राजा होना कितना मुश्किल है किसी का आज शौहर होना।शिक्षा दौलत नियमित आय बराबर होना।। शादी को...

बागवाँ आया नया, गुलशन खिलाने के लिए।चाँद आया दूसरा, घर जगमगाने के लिए।। रात है तो क्या हुआ, डरता अँधेरे...

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कड़वा टीचर सही है मैं हूँ टीचर, मेरी चिल्लाहट नहीं जाती।ग़लत हरकत कहीं भी देख, गुर्राहट नहीं जाती।। कहीं बनियाँ...