बगत सरकणूं च मठु - मठू करि बगत, सर्- सरकणूं च. तवा म धरीं रोटि सि, फर्- फरकणूं च.. जैं...
Deendayal Banduni ‘Deen’
रगड़ा-झगड़ा सोचु भिंडि च-हमन, जीवन म अपड़ा भी. क्य ब्वन-दगड़म चल़णा छिं, सौ रगड़ा भी.. मनखी सोच्यूं-अर गड़्यूं, कख तक...
मातृभाषा दिन कख ! हरच बोलि-भाषा, वीं खुज्यांणा छवां हम. हम छवां- भाषा हितैषी, इनु बतांणा छवां हम.. उन त...