हर शख्स की ज़ुबान परसिर्फ एक ही सवालकोरोना ने मचा रखा हैचहु दिशा में बवालक्या जीवन की रेलपटरी पर आएगी?गली-मोहल्ले,चौराहे...
Anuradha Kashyap
ठूँठ हाँ मै हूँ एक टूटा दरख़्त,अकेला गुमनाम एक ठूँठ।पर मायूस नहीं हूंँ,न मन मलीन है मेरा। वर्षा ऋतु की...
हर शख्स की ज़ुबान परसिर्फ एक ही सवालकोरोना ने मचा रखा हैचहु दिशा में बवालक्या जीवन की रेलपटरी पर आएगी?गली-मोहल्ले,चौराहे...
ठूँठ हाँ मै हूँ एक टूटा दरख़्त,अकेला गुमनाम एक ठूँठ।पर मायूस नहीं हूंँ,न मन मलीन है मेरा। वर्षा ऋतु की...
You cannot copy content of this page