दहेज मां- बाप देते हैं हमें दूसरों के घर भेज सास ससुर भी कहे क्या लायी तू दहेज क्यों लगते...
हेमलता बहुगुणा
आंख्यूं कू राज तेरी आंख्यूं कू ढ़ग बडू छ ड़ुबकी आंख्यूं कू सज बड़ू छ तेरू........................... सुख म टबणादी खुशी...
मन की व्यथा आज अपनी कलम से मन की व्यथा सुनाती हूं क्यों इतनी सख्त बनी मैं इसकी बात सुनाती...
बोल-बाबा कूं मुलक हे ऊंची डाण्डियों तुम निशी ह्वावा बाबाजी कूं मुलक देखण द्यावा। घनी कुलांई तुम निशी ह्वावा बाबाजी...
चरण छोड़कर मैं कहां जाऊं मैया चरण छोड़कर मैं। कहां जाऊं मैया चरण छोड़कर मैं मिलाना सहारा मुझे जब कहीं...
चांद और चांदनी एक दिन चांद ने चांदनी से आकर कहा तुम इतनी सुन्दर क्यों हो मुझको आकर तो बतला...
कवि की महत्ता कवि अनन्त कवि सूरज कवि समाज कवि धर्म कवि पहाड़ कवि रसधारा कवि धार में नदी किनारा...
हमारा देश बहुत सालों से गुलामी में रहा। पहले अरबों तथा मुगलों से आते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां...
अभय पशु जीवन वन एक बहुत बड़ा और घना जंगल था। उस जंगल में अनेकों पशु- पक्षी प्रेम से रहते...
चमत्कार बहुत ही सुन्दर और दिलचस्प समय था। क्योंकि अगले दिन बसंत पंचमी का दिन था। यह दिन पर्व का...