अकेले रह गये हम जिन्दगी की डगर में आगे बढ़ते बढ़ते बैठ गया जरा नीचे सोचा अपने बारे में पीछे...
शिक्षिका
महात्मा गांधी देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ रखा था भारी मनमानी जनता से करते परेशान थीं जनता सारी ।...
कनी ब्यूली तुम कैन पूछी घर म ऐक ल्याई कनी ब्यूली जैक मैंन बोली घर म जैक ब्यूली ईनी सुण...
बेटी बेटी तो बेटी होती है क्यो कहते यह बेटी है अगर बेटी ना हो तो क्यो कहते धरती खाली...
फूल जा जा जा प्यारे फूल तुम अयोध्या में जाना राम जी के चरणों में गिर अपना शीश झुकाना जा...
पिता हैं मेरे उंगली पकड़कर चलना सिखा दर बाहों का झूला बनाकर झूलाया बाहर की नजरों से हमें बचाया मेहनत...
सुनामी लहर तेरे किनारे बसे थे कुछ आस लेकर मना रहे थें तुमको सबकुछ देकर हंसी खुशी ज़िन्दगी गुज़ार रहे...
घनन घन घन मेघ बरसे बन संवर कर बिजली चमके आगे पीछे हवा चलती दरवाज़े खिड़कियां भी खनके। घनन..................... बादलों...
वसुन्धरा वसुन्धरा की जलधारा से सारी धरती सजती है कहीं नदियां कहीं तालाब कहीं जलप्रपात घिरते है। सुन्दर वन...
भ्रमित मत करो जनता को भ्रमित अपने झूठे वादो को करने से करेंगे काम तुम्हारे लिए सब झूठ वह...