चलता हूं जिन राहों में पूछती हैं राहें मुझे कहां जा रहे हो तुम मैं कहता राहों से मंजिल ढूंढने...
शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता-मां
पहाड़ की बेटी अंकिता... अंकिता तुम तो चली गयी इस दुनिया से; पहाड़ की तरह अडिग रहकर, एक क्रान्तिकारी की...
भारत मां की आन बान शान है तिरंगा हम सब की जान है तिरंगा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा जागे जिससे...
दौर भी बदल चुका है अब तो दौर भी बदल चुका है सभी का ठौर भी बदल चुका है सब...
मेरि टिरी मेरि टिरी तु याद आन्दि रालि.. जब तक दुनिया रालि.. आमु क बग्वान टिरि कु वु बजार वु...
मां मां तुम अचानक चली गयी हम सबको छोडकर यादें संस्कार, विचार दुलार छोडकर इस दुनिया से चली गयी मां...