मोहल्ले के नुक्कड़ में परचून की दुकान। इस दुकान के आगे आबारा कुत्तों की भीड़। हर सुबह करीब साढ़े नौ...
लोकसाक्ष्य स्पेशल
सच ही कहा गया कि व्यक्ति जैसा कहता है, सोचता है और करता है, वैसा ही बन जाता है। अच्छा...
सीखने की कोई उम्र नहीं होती। व्यक्ति हर समय किसी से किसी न किसी रूप में सीख सकता है। सीखने...
बचपन में देखता था कि अक्सर गर्मियों में देहरादून के परेड मैदान में नुमाइश लगती थी। आजकल नुमाइश का रूप...
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक बम धमाके में...
मीडिया संस्थान में काम करना जितना आसान लगता है, वह होता नहीं है। चाहे रिपोर्टिंग हो या फिर डेस्क में...
दफ्तर से देर रात को घर आने या देर रात को दफ्तर जाने वालों के लिए हर सड़क व गली...
हथियार रखना और उसका इस्तेमाल करना दोनों अलग-अलग बात है। ठीक उसी तरह जैसे घर की आलमारी में किताबें सजाना,...
पांच व्यक्ति और 45 चाय का आर्डर। बन गई ना दिमाग की चक्कर घिन्नी । पर यही सच था कि...
कहते हैं कि किसी काम को करो, तो दीवानगी की हद तक। तभी वह काम पूरा होता है और परिणाम...