दुर्घटना का कारण एक नहीं होता। कई बार लापरवाही से होती है, तो कई बार अनजाने में। कई बार तो...
लोकसाक्ष्य स्पेशल
अल सुबह टेलीफोन की घंटी न ही बजे तो अच्छा है। मैं सुबह के समय टेलीफोन रिसीव करने से भी...
मुसीबत कभी बता कर नहीं आती। यह आती है और चली जाती है। मुसीबत से कई बार व्यक्ति आसानी से...
सच कहो तो मन की भावनाओं को शब्दों में बयां करना मैं लीला से ही सीखा। उस लीला से जो...
इस जीवन की कड़वी सच्चाई मौत भी है। जब एक बार कोई इस धरती पर आता है, तो उसका जाना...
जीते जागते सोचो तो ख्वाब। नींद में देखो तो सपना। सच ही है कि ख्वाब में व्यक्ति का अपना जोर...
सच ही कहा जाता है कि सत्ता की धमक में नेताजी का अंदाज बदल जाता है। पहले तक लोगों के...
इस गांवों में अब तो चिड़ियों ने भी चहचहाना छोड़ दिया। पहले कभी चिड़ियों की चहचहाट से सुबह होती थी...
बचपन में जब भी देहरादून से पिताजी के साथ मसूरी जाता, तो पैदल यात्रा करनी पड़ती थी। तब शहनशाही आश्रम...
बारह साल की उम्र में जब मुझे साइकिल मिली तो मुझ पर घर के छोटे-छोटे काम की जिम्मेदारी भी आ...