थिरक थिरक... आ नाच बा नाच ला... बलि तुम कां छा ला....2 थिरक-थिरक नाच-नाच ला जम बे नाच ला...2 तकधिन......
ललित मोहन गहतोड़ी का कुमाऊंनी गीत
मोबाइल चस्को लाग्यो...2 आमा बुबु नानातिना स्टेटस चैक करनी...2 आजकल फैशना हाथ हाथ फोना... सबन... मोबाइल चस्को लाग्यो... सुन भाई...
आई हाई बलौ... ये लोकै बात नै थिना आई हाई बलौ... परलोक पुजि गै फैशना- 2 आंखों में कालि चश्मा...
म्येरा भाई... किस्मतौ लेख्यौ कस्यां, फेरना म्येरा भाई... ज्युदी परानि हंसि, खेल्ना म्येरा भाई... किस्मत खेल, देखूनै म्येरा भाई.... किस्मत...
बाखुलि बांजि बांजि... ओखुली माटा पाटा भरी गई छना बाखुली बांजि बांजि पड़ि रई छना देलि आंगन नानतिना हस्नि खेलनि...
दिन महीना... दिन महीना इन सालों दिन वार भेटी रौ-3 तुमरो लै हमरो लगै संसार बची रौ-3 दिन महीना इन......
अंट शंट हैगे हाये अंट शंट हैगे हाये...2 अंट शंट हैगे हाये...2 जिंदगी झंड पनि झंड हैगे हाये खालि खालि...