नए कलेवर में वह प्रत्येक अंधकार से लड़ा है और वर्षों से निर्विकार खड़ा है उमस, तपन, धुप, बरखा, सर्द...
युवा कवि सुरेन्द्र प्रजापति की कविता- उसका शिखर से गिरना पसंद है
उसका शिखर से गिरना पसंद है थके हुए शरीर और संकल्पवान उम्मीद के साथ बंजर और दरकती धरती पर उसने...