परमाणु छाया में मानवता जब संसार हुआ विकट, स्वार्थ में लीन, नैतिकता खो चुकी, मनुष्य हुआ अधीन। पर्यावरण का संकट,...
युवा कवि प्रतीक झा की कविता- ओपेनहाइमर: देशभक्ति और मानवता का नाम
बचपन का वो पेड़ वह समय नहीं, एक सुनहरा समय था। बचपन की वो सारी यादें, उस पेड़ में समाई...
भारत-रूस: मित्रता का अटूट संकल्प स्वतंत्र भारत, चुनौतियों का सागर, सामने खड़ा था संघर्ष का पर्वत। अशिक्षा, गरीबी, जाति का...
मानवता पर छाया संकट, हिटलर जब सत्ता में आया। वैज्ञानिकों पर चिंता गहरी, जब परमाणु विखंडन ने पथ दिखाया। फिर...