अपणु-बिरणु इनुबि क्या, अपड़ौं से- दूर ह्वे जावा. दुन्यदरी ईं भीड़ म, कखि ख्वे जावा.. ऑसु बि वख अंदी, जख...
दीनदयाल बन्दूणी
हिमालै दिवस बंदन-अभिनंदन तेरु, मुंड-झुकांदी हिमालै. भू- मंडल म अकेलू, राज- चलांदी हिमालै.. साक्यूं बटि खणु रैकि, हमरि रक्षा करि...
पंदेरा-नवळा पंदेरा बड़िगीं गदेरा, नवळा सूखि गींन. नलौं कु भरोसु कनम कन, टूटि गींन.. गौं-गौं घर-घरौं, पांणी रूणु ह्वेगे आज,...
बढत-घटत एक बग्त छौ, सबि कुछ- बढदि ग्याई. इनु बि बग्त ऐ, सबि कुछ- घटदि ग्याई.. पैल्याकु समै, खेति- औलाद...
ठंडु-मिठु बतौ- इनि बि, क्यांकि उठा-पोड़ ह्वे जांद. बात- पीछा, क्यांकि दौड़ा- दोड़ ह्वे जांद.. सै- पे- कि क्वी काम,...
बग्त-कुबग्त बग्त फरि, कुबग्त कि बि- सोचि ले. बुरु बगत कु, सारु अपणूं खोजि ले.. जीवन त चखलु सी, फुर्र...
इनु बि क्य कन कछिड़ि जुटयीं-तुमरि, इनु बि क्य. जोग-ध्यान लगायी-इबरि, इनु बि क्य.. दिन-भर मैफल जमै, रम्मी- तास खेली,...
बदलेंदु-बग्त सिवऴु सी जमि ग्या, दिल- दिमाग फरि. बस नि रौ, भैर-भित्रा जऴदि आग फरि.. क्य ब्वन-कैम ब्वन, कुछ नि...
गढ़वऴि भाषा दिवस गढ़वऴि भाषा कु दिवस च, बल आज. भाषा अपड़ि हमन बचांण, चल आज.. गढ़वऴि ब्वाला- बच्यावा, याच...
ठाठ-बाट ठाठ- बाट कि- या जिंदगी, कै घाट ह्वेगे. रात- दिन दौड़दी जिंदगी, इक बाट ह्वेगे.. खुटि म खुटि धरि,...