मुझे विरल नहीं है रहना मुझे विरल नहीं है रहना, मुझको अविरल ही बहने दो। धारा - प्रवाह में घिस...
डॉ. पुष्पा खण्डूरी की कविता-मेरा देश मेरा मुल्क
मनभावन होली अग -जग धूम मच रही देखो लगती कितनी मनभावन होली मीठी -मीठी गुजिया, भुजिया संग भीगी -भागी सी...
नारी सशक्तीकरण नारी को अपना मान चाहिए दया नहीं अधिकार चाहिए नहीं प्रेम की भीख माँगती उसको सच्चा प्यार चाहिए।...
वो शख़्स अजीब सा मंजर था, और सभी चिल्ला रहे थे॥ चुप, लेकिन वो शख़्स था, जो गेंहू के साथ...
किसी का आना किसी का आना भी, किसी की विदाई का सबब बन जाता है । बचपन का जाना भी...
निर्बल के बल श्याम सखी री मेरी निर्बल के बल श्याम, सखी री मेरी निर्बल के बल श्याम इक पलड़े...
तन्हाई में तन्हाइ मे मेरी आ आकर तुम दिल में शोर मचाते क्यों । अंधियारों से मेरा जोड़ के नाता...
अलग नहीं तुमसे हूँ मैं दो भले सबको लगें हम, पर अलग नहीं तुमसे हूँ मैं । साज तुम जो...
मेरा देश मेरा मुल्क देश की एकता पर कभी आँच आने नहीं देना। दिलों में दूरियां कभी बढाने नहीं देना॥...