जग तारिणी दुख हारिणी माँ गंगा गौमुख से मां गंगा निकलती है पर्वतो से अठखेलियाँ करती, मधुर मंगल गीत गाती...
कालिका प्रसाद सेमवाल
हे मां वीणा धारणी वर दे मां तुम विद्या का भंडार हो तुम दिव्या स्वरुपा हो तुम अज्ञान नाशनी हो...
एक बार तुम फिर से जागो, प्रेम की गंगा पुनः बहाओ, दूसरों के लिये रोड़े न बनो, सत्य और नीति...
रिमझिम बरसो बरखा रानी मौसम कितना सुहावना है सावन जैसा ही लगता है रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे छायी बदरिया है...
हे मां सरस्वती कृपा करो हे मां सरस्वती हम पर कृपा करो, अन्दर ऐसा प्रेम जगाओ, जन जन का उपकार...
भोलेनाथ तुम दया निधान आशुतोष तुम संकट हारी, दया करो हे कृपा निधान। भव भय भंजन सुख के धाम, हे...