चैतन्य सुमन हम बच्चे हैं मन के सच्चे धरती के हैं फूल सुनहरे। घर की रौनक़ हम बच्चे हैं मस्ती...
कविता
सबसे बड़ा योग परस्पर सहयोग ही तो सदा सबसे बड़ा योग है। एक रोटी जो हाथों में आई सुनो, कहती...
ज्योतिर्मय तू ज्योतिरूप बन अंधकार से लड़ता चल। ज्योतिर्मय तू ज्योति रूप है , ज्योति पुंज बन तम हरता चल॥...
कीर्तन जिसकी कीर्ति फैले सारे जिसने यह दुनिया बनाई है ध्यान लगा लो मन से भजलो जिसकी कीर्ति दुनिया ने...
मां पुण्यासणी मां पुण्यासणी का रूप निराला चारों तरफ होता है उजियारा साक्षात दर्शन देती है मैया सभी भक्तों की...
हे चांद तुम्हारे चरणों में मैं करवा भरकर लाई हूं लम्बी उम्र रखना पति की यह वरदान मांगने आई हूं।...
देखना…एकदिन सुबह फिर मुस्कुराएगी चारों ओर अंधेरा घनाआकाश काले बादल सनारातें लम्बी उदासी भरीलेकिन शीघ्र स्थितियां सुधर जाएगी देखना..सुबह फिर...
मेरा घर ऐसा होता काश !मेरा घर कुछ ऐसा होता चारो तरफ नदियों का घेरा होता पेड़ पर बैठी कोयल...
समय की पुकार जब जेसा समय आता है समय वैसा ही पुकारता है जब युद्ध की डंका नाद बजती समय...
चाह चाह है दिल में पाने की उसे पाने का जज्बा रखना और जब तक हासिल न हो तब तक...