दौलत सस्ती जिंदगी महंगी न जानें आज क्यों, मन में उदासी छा गई। क्यों जिंदगी महंगी, और दौलत सस्ती हो...
कविता
वन्दना मां सरस्वती मां वीणापाणि सरस्वती भावों में ऊंची उड़ान दो, लेखनी में शक्ति दो विचारों में पवित्रता दो, वाणी...
प्रणय स्वप्न कमल-नयन का सुख-स्वप्न पुष्प छू लिया, अन्तर्मन, हर सुरों में गंध बसा है पुलकिल होंठ अपावन। जीवन का...
क्यों गांव से दूरियां हो गई अब तो कोई चहल पहल नहीं गांवों में, जैसे पहले हुआ करती होगी। आ...
मां योग्य पुत्र बन सकूं हे मां मनीषिणी हमें विचार का अभिदान दो मां योग्य पुत्र बन सकूं स्वाभिमान का...
हम गांव क्यों भूल गए आखिर क्यों शहर की,रंगीनियों में, हम यूं ही मशगूल हो गए। पुरुखों का घर था...
शिक्षक बच्चों को समझे पौध समान तब सींचे उसको अपने ज्ञान से प्यार प्रेम से बच्चों को पढ़ाये तब वह...
पर्यावरण दिवस मना तो रहे आज पर क्या सुरक्षित है यहां पर्यावरण फिर क्यों चारों और ऑक्सीजन की कमी, क्यों...
आओ हम सब मिलकर वृक्ष लगायें प्रगति के नाम पर आज प्राकृतिक संसाधन नष्ट कर रहे है बनाये जा रहे...
घर एक गांव में भी बनाया करो यूं अपनों की जमीन छोड़कर, शहर मत जाया करो। कब छोड़ना पड़े शहर,...