ऐसे हालात क्यों हैं तेरे इस संसार में भगवन, ये ऐसे हालात क्यों हैं। क्यों खुद की फिकर सबको यहां,...
शिक्षक
जिंदगी क्या है तू बता ए जिंदगी, किस काम की किस नाम की। मुझे तो लगता है, हर पल मुस्कुराते...
घर मेरा क्लास रूम हो गया कभी कभी सोचता हूं मैं, आखिर आज ये क्या हो गया। न जानें आज...
दर्द भरी दास्तां काम तो थे जिंदगी में बहुत मगर, इस मंजर ने मुझे खोमोश करा दिया। किस किस को...
राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रान्तीय प्रवक्ता कालिका प्रसाद सेमवाल ने कहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से हाल...
नसुलझी गुत्थी मंजर तो बहुत देखे हमने, लम्हें ये बीत ही जाएंगे। अमल कर हर बात पर इंसान, क्या शत्रु...
क्या मेरे मन के आखर यूं ही क्या मेरे मन के आखर यूं ही, खुद में सिमटकर रह जाएंगे। लिखता...
मेरे शब्द मैं अपने शब्दों को लिख चुका हूं, क्या कोई, मेरे शब्द सुन सकेगा। फंसा हूं क्यों शब्दों के...
हिम कवि आ रहा घर छोड़े वर्षों बीत गए, मैं हिमगिरि पर ही घूम रहा। याद दिलाती मुझे बहुत उनकी,...
जिंदगी वतन के नाम क्या है इंसान बता तेरी ये जिंदगानी, जो काम ना आए वतन के। मौके तो बहुत...