भाजपा से निष्कासित हरक को लेकर उहापोह जारी, आज तय हो सकता है भविष्य, भाजपा या कांग्रेस में वापसी
भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री डा हरक सिंह रावत की कांग्रेस में घर वापसी होगा या फिर वह भाजपा से ही चुनाव लड़ेंगे। इस पर आज स्थिति साफ हो सकती है।
भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री डा हरक सिंह रावत की कांग्रेस में घर वापसी होगा या फिर वह भाजपा से ही चुनाव लड़ेंगे। इस पर आज स्थिति साफ हो सकती है। मीडिया में भी पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि वह आज तय करेंगे कि किस मोर्च से चुनाव मैदान में उतरेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी भाजपा में वापसी हो रही है या फिर कांग्रेस उनका हाथ पकड़ रही है। उन्होंने इतना जरूर कहा कि अब समय कम है और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में आज तय कर दिया जाएगा कि वह किस मोर्चे से चुनाव मैदान में उतरेंगे। ऐसे में चर्चा है कि भाजपा उन्हें माफ कर फिर से पार्टी में ले सकती है। भाजपा द्वारा विधानसभा की केदारनाथ सीट का टिकट फिलहाल रिक्त छोड़े जाने को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस भी हरक सिंह रावत को पिछली गलतियों का अहसास करा रही है और उन्हें पार्टी में लिया जा सकता है।भाजपा हाईकमान ने रविवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को पार्टी से छह साल से निष्कासित कर दिया था। उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया था। बताया गया कि हरक स्वयं के साथ ही परिवार के लिए विधानसभा के तीन टिकट मांग रहे थे। जिस दिन पार्टी ने यह निर्णय सुनाया, उस दिन हरक दिल्ली में ही थे। इसके बाद से हरक के कांग्रेस में घर वापसी की चर्चा होने लगी थी। हरक भी कांग्रेस के उन नौ विधायकों में शामिल थे, जो मार्च 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का हाथ छिटककर भाजपा में शामिल हो गए थे।
यद्यपि, भाजपा से निष्कासित किए जाने के बाद ये तय माना जा रहा था कि वे कांग्रेस में वापसी करेंगे, लेकिन अभी तक इस दिशा में बात नहीं बन पाई है। वजह ये कि कांग्रेस के भीतर उन्हें लिए जाने को लेकर तमाम तरह के किंतु-परंतु हैं। ऐसे में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कयासबाजी का दौर भी शुरू हो गया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत पिछले पांच दिनों से उम्मीद लगाए हुए हैं कि कांग्रेस उनका हाथ थामेगी, लेकिन अब तक हरक को निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मात्र उन्हें पूर्व में किए का अहसास दिलाने के लिए ऐसा कर रही है।
कांग्रेस के कई नेता भी यही चाहते हैं कि पूर्व कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल कर लिया जाए। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक हरक सिंह जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे कांग्रेस और मजबूत होगी, लेकिन हरक को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर जो देरी हुई है, उससे हरक बेहद निराश हैं। यही वजह है कि उनकी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर जो देरी हुई है, इससे उनकी फिर से भाजपा में वापसी की भी चर्चाए हैं।
बताया गया है कि हरक सिंह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी जैसे नेताओं से बातचीत की है। यह भी बताया जा रहा है कि पूरे प्रकरण में राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका भी अहम है। इनके मामले में हस्तक्षेप के बाद न सिर्फ हरक की भाजपा में वापसी हो सकती है, बल्कि उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुंसाई को केदारनाथ से टिकट दिए जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाए हैं। ये भी संभावना है कि इनमें यदि हरक को लड़ाया गया तो वह डोईवाला सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
हरक के भाजपा से ही चुनाव लड़ने की संभावनाएं इस दृष्टि से भी देखी जा रही है कि उन्होंने अब तक कांग्रेस के कसीदे तो गढ़े, लेकिन भाजपा के विरुद्ध कुछ ज्यादा नहीं बोला है। चर्चा है कि इस बीच उनकी दिल्ली में भाजपा के कुछ नेताओं से भी मुलाकात हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि हरक के पश्चाताप करने पर भाजपा उन्हें माफ कर सकती है। बहुत संभव है कि दो-चार दिन के भीतर उनकी फिर से भाजपा में वापसी हो जाए।





