सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लाल किले पर झंडा फहराने का मामला
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान, दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शकारियों द्वारा झंडा फहराने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान, दिल्ली में लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शकारियों द्वारा झंडा फहराने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई है। कानून के छात्र आशीष राय ने मुख्य न्यायाधीश को ये पत्र लिखा है।पत्र में कहा गया है कि लालकिले की प्राचीर पर प्रदर्शकारियों द्वारा दूसरा झंडा लगाना राष्ट्रीय झंडे का अपमान है। पत्र में मांग की गई है कि दूसरा झंडा फहराने वाले प्रदर्शकारियों पर कार्रवाई की जाए।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों के आंदोलन के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारी उस ध्वज-स्तंभ पर चढ़ गए और वहां सिख धर्म का झंडा ‘निशान साहिब’ लगा दिया। ये झंडा वहां लगाया गया जहां स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान भारत के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
किसानों की मांगों के प्रति केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आयोजित की गई ट्र्रैक्टर रैली राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई। हजारों की संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी किसान अवरोधक तोड़ते हुए लाल किला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।
प्रदर्शनकारी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर मुगलकालीन लाल किला पहुंच गए। जो स्वतंत्रता दिवस समारोह का मुख्य स्थल है। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कई स्थानों पर झड़पें हुईं। इस दौरान पूरे दिन हिंसा हुई। इस दौरान घायल होने वाले किसानों की वास्तविक संख्या की जानकारी नहीं है। वहीं, दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनके 86 कर्मी घायल हो गए। इनमें से 41 पुलिसकर्मी लाल किले पर घायल होने बताए गए हैं।