दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, 17 महीने बाद आएंगे जेल से बाहर
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। ऐसे में मनीष सिसोदिया को 17 महीने के बाद जेल से बाहर आएंगे। बता दें कि मनीष सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत दी गई है। सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी थी। बता दें कि तीन दिन पहले ही SC ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय मनीष सिसोदिया के सामने कुछ शर्तें भी रखीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 10-10 लाख रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दी है। अदालत ने उन्हें पासपोर्ट सरेंडर करने, हर हफ्ते सोमवार को जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने की शर्त पर जमानत दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत और हाईकोर्ट अक्सर इस बात को नहीं समझते कि बेल को रूल और जेल को अपवाद माना जाता है। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाओं की बड़ी संख्या आती है। न्यायिक प्रक्रिया को ही दंड नहीं बनाया जाना चाहिए। आरोपी का समाज मे गहरा आधार है। उसके फरार होने का अंदेशा नहीं है। निचली अदालत जमानत की शर्तें तय कर सकती है। सबूत मिटाने की आशंका पर भी शर्ते तय की जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील से कहा कि हम जमानत तो दे रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ अहम बातों को ख्याल रखना होगा। मनीष सिसोदिया जेल से बाहर रहते हुए इस मामले से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। साथ वह किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश भी नहीं करेंगे। मनीष सिसोदिया देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते, उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रहते हुए मनीष सिसोदिया को हर सोमवार को पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने आना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ईडी के वकील ने 3 जुलाई तक जांच पूरी करने की बात कही थी। यह अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट को बताई गई 6-8 महीने की सीमा के परे है। इस देरी के चलते निचली अदालत में मुकदमा शुरू हो पाने का सवाल ही नहीं था। व्यक्तिगत स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है। इसका बिना उचित वजह के हनन नहीं हो सकता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनीष सिसोदिया के मुकदमे में हुई देरी का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमसे पीएमएलए सेक्शन 45 में दी गई जमानत की कड़ी शर्तों से रियायत की मांग की गई है। ईडी ने कहा कि आरोपी खुद मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार है। आरोपी गैरजरूरी दस्तावेज मांग रहा है। सैकड़ों आवेदन दाखिल किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड ऐसा नहीं दिखाते। ED और CBI दोनों मामलों में बहुत अधिक आवेदन दाखिल नहीं हुए, इसलिए मुकदमे में देरी के लिए आरोपी को जिम्मेदार मानने के निचली अदालत और हाई कोर्ट के निष्कर्ष से हम सहमत नहीं हैं। आरोपी को दस्तावेज देखने का अधिकार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें सिसोदिया को रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण व कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के लिए 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। 21 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इन्कार कर दिया था। हाईकोर्ट ने बेल रद्द करते हुए कहा था कि पद का दुरुपयोग किया था। बाहर आकर सबूत और गवाहों पर असर डाल सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सांसद संजय सिंह ने किया फैसले का स्वागत
मनीष सिसोदिया को बेल मिलने के बाद आम आदमी पार्टी में खुशी का माहौल है। इस मौके पर राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये सत्य की जीत हुई है। पहले से कह रहे थे इस मामले में कोई भी तथ्य और सत्यता नहीं थी। जबरदस्ती हमारे नेताओं को जेल में रखा गया। 17 महीने तक जेल में रखा। क्या भारत के प्रधानमंत्री इस 17 महीने का जवाब देंगे। जिंदगी के 17 महीने जेल में डालकर बर्बाद किया। सुप्रीम कोर्ट का सिर झुकाकर नमन है। लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला। एक फैसला आम आदमी पार्टी, मनीष सिसोदिया और एक-एक कार्यकर्ता के पक्ष में आया। सभी उत्साहित हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केजरीवाल और सत्येंद्र सिंह भी बाहर आएंगेः संजय सिंह
सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली का नागरिक खुश है। सब मानते थे कि हमारे नेताओं के साथ जोर जबरदस्ती और ज्यादती हुई है। हमारे मुखिया अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को जेल में रखा है। वो भी बाहर आएंगे। केंद्र की सरकार की तानाशाही के खिलाफ जोरदार तमाचा है। कभी ईडी कोई न कोई जवाब दाखिल करने का बहाना बनाया। एक पैसा मनीष सिसोदिया के घर, बैंक खाते से नहीं मिला। सोना और प्रॉपर्टी नहीं मिला। दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता के लिए खुशखबरी है। हमें ताकत मिलेगी।
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