दो नवंबर से खुलेंगे 10 वीं और 12 वीं के लिए स्कूल, छात्र और स्टॉफ को कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी
उत्तराखंड में सभी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध आवासीय और डे स्कूल 10 वीं और 12 वीं के लिए दो नवंबर से खुलने जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने एसओपी जारी कर दी है। इसके तहत स्कूलों में स्टाफ और छात्रों को 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट देनी होगी। ये रिपोर्ट हर जिले के मुख्य शिक्षाधिकारी के कार्यालय में आवेदन के साथ देनी होगी। सरकारी आवासीय विद्यालयों के लिए अलग से एसओपी जारी होगी।
उत्तराखंड के स्कूलों की स्थिति
उत्तराखंड में 2334 सरकारी माध्यमिक विद्यालय, 399 राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालय, 84 अन्य सरकारी विद्यालय एवं और निजी विद्यालय हैं। कुल 3791 से अधिक माध्यमिक विद्यालय हैं। प्रदेश में स्कूल खोलने के निर्णय से पहले सरकार ने अभिभावकों और शिक्षकों से राय भी ली थी। करीब साठ फीसद लोग स्कूल खोलने के पक्ष में थे। इसी के तहत पहले चरण में स्कूल खोले जा रहे हैं।
सात माह से बंद पड़े हैं स्कूल
कोरोना महामारी के चलते चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 में सात महीनों के बाद आठवें माह दो नवंबर से स्कूल खुलने का रास्ता साफ हुआ है। इस फैसले को लागू करने के लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से शनिवार को डे और आवासीय स्कूलों के लिए अलग-अलग एसओपी जारी की गईं हैं।
डे और आवासीय विद्यालयों के लिए ये हैं नियम
डे स्कूल की एसओपी आवासीय स्कूलों पर भी लागू होगी। आवासीय विद्यालयों की अलग व्यवस्था देखते हुए अलग एसओपी में विद्यार्थियों के आवासीय परिसर, भोजन समेत अन्य जरूरी व्यवस्थाओं में भी कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
अभिभावकों की अनुमति जरूरी
स्कूलों को विद्यार्थियों के आने के लिए अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी। यदि किसी अभिभावक की सहमति नहीं मिलती है तो संबंधित छात्र को ऑनलाइन पढ़ाने की जिम्मेदारी स्कूल की ही होगी। सरकार ने निजी आवासीय विद्यालयों में एसओपी के पालन की देखरेख के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को राज्यस्तरीय नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को नोडल अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी नामित कर एसओपी का प्रचार-प्रसार कराएंगे। स्कूल स्तर पर प्रत्येक प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी निभाएगा।
स्कूलों को देनी होगी लिखित सहमति
कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होने देना चाहती। इसलिए स्कूलों को भी एसओपी का पालन करने के लिए लिखित सहमति देने को कहा गया है। इसके बाद ही संबंधित स्कूल संचालित होंगे। निजी स्कूल अपने स्तर पर तैयार करेंगे एसओपी
राज्य सरकार की एसओपी के बाद तीन दिन के भीतर स्कूल भी अपने स्तर पर एसओपी तैयार करेंगे। इसे मुख्य शिक्षाधिकारी को भेजेंगे। साथ स्कूलों प्रवेश द्वार, नोटिस बोर्ड में भी इसे चस्पा किया जाएगा। मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में स्कूलों का आवेदन मिलने के बाद 48 घंटे के भीतर नगर मजिस्ट्रेट या उप जिलाधिकारी के साथ मुख्य शिक्षाधिकारी संयुक्त रूप से स्कूल का मुआयना करेंगे।
निजी आवासीय स्कूलों के लिए एसओपी के प्रमुख बिंदु
स्कूल खोलने के लिए छात्र-छात्राओं की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट के साथ सीईओ कार्यालय में करना होगा आवेदन।
सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन संबंधी निर्देशों का पालन अनिवार्य
स्कूलों में स्टाफ व विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग क्वारंटाइन परिसर स्थापित किए जाएंगे।
छात्रावास में छात्रों को अलग करने के लिए अस्थायी पार्टीशन किया जाएगा, दो बच्चों के बिस्तरों के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी।
छात्रों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखरेख को परामर्शदाता शिक्षक और परामर्शदाता की व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य संबंधी मानकों का पालन के लिए मेडिकल टीम हफ्ते में न्यूनतम एक बार किचन और मैस का करेगी मुआयना।
भोजन बनाने के विद्यालयों में रसोइये के प्रवेश, भोजन बनाते वक्त सुरक्षा, बर्तनों की साफ-सफाई समेत तमाम व्यवस्थाओं का कड़ाई से करना होगा पालन।