सिंधु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों पर पथराव, एक एसएचओ सहित दो घायल

दिल्ली बॉर्डर पर अलग-अलग स्थानों पर जारी किसानों के आंदोलन को दंगे में बदलने के प्रयास तेज हो गए हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों के धरनास्थल पर भीड़ ने पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिस भी तमाशा देखती नजर आ रही है। भीड़ ने किसानों के टैंट पर भी क्षति पहुंचाई। इस हमले में एक एसएचओ सहिद दो पुलिस कर्मी भी पत्थर लगने से घायल हो गए। इस दौरान पुलिस ने आसूं गैस के गोले भी छोड़े। साथ ही किसानों की ओर से भी शुरू में पथराव किया गया।
सिंधु बार्डर पर जिस स्थान पर धरना दिया जा रहा है, वहां से एक किलोमीटर दूरी प रही पुलिस और आरएएफ के जवान लोगों को रोक रहे हैं। किसानों का पानी बंद होने पर दिल्ली सरकार ने सिंधु बार्डर पर पानी के टैंकर भेजे, लेकिन उसे भी दिल्ली पुलिस ने एक किलोमीटर की दूरी पर रोक लिया। वहीं, किसानों के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को पुलिस ने टैंट के निकट तक पहुंचने में पूरी छूट दी।
इस बीर उपद्रवी भीड़ ने किसानों के टैंट को भी नुकसान पहुंचाया। तोड़फोड़ की। उनका राशन बर्बाद करने का भी प्रयास किया। बचाव में किसानों ने भी जवाब दिया। जब पुलिस के कुछ लोगों पर पत्थर लगे तो पुलिस हरकत में आई और लोगों को खदेड़ा। इसके बाद भी लोग कुछ दूरी से रुक-रुककर पत्थरबाजी कर रहे हैं। वहीं, किसानों के मंच से किसान नेता अपने लोगों से संयम बरतने की अपील करते रहे। उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार की आंदोलन तोड़ने की साजिश है। सरकार चाहती है कि हम भी उत्तेजित हों और देंगे हो जाएं।
उधर, पत्थरबाजी करने वालों का कहना है कि वे किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे थे। दिल्ली की घटना से अब उन्हें किसान नेताओं पर विश्वास नहीं रहा। उन्होंने कहा कि किसानों के धरने की वजह से उन्हें दो माह से परेशानी हो रही है। प्रदर्शनकारी सिंधु बॉर्डर खाली करो, तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारे लगा रहे थे।
किसानों पर हो रहे हमले के लिए मोदी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार
देहरादून में हुई सीपीएम की बैठक में किसानों पर हो रहे हमले को मोदी सरकार की साजिश बदाया गया। वक्ताओं ने कहा कि पिछले काफी समय से तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्षरत किसानों पर झूठे मुकदमे तथा हमलों के मोदी सरकार तथा संघ परिवार सीधे तौर पर जिम्मेदार है। यह बौखलाहट मोदी सरकार की निरंतर गिरती साख का परिणाम है। मोदी सरकार अब आमजनता से अपना विश्वास खो रही है। जिस कारण वे किसानों व आम जनता पर हमले पर हमले कर रही है। सरकार अब सीधे तौर पर जनता के खिलाफ खड़ी है। कारपोरेट की गोदी सरकार बन गयी है। वह हरहाल में कारपोरेट के लिये देश का सबकुछ गिरबी रख रही है। इस सरकार को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं है उक्त आशय बैठक में राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, सुरेन्द्र सिह सजवाण, राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश, कमरूद्दीन, लेखराज आदि ने विचार व्यक्त किये। बैठक में किसानों पर हो रहे हमलों की कड़ी निन्दा की गई। झूठे मुकदमे वापस लेने के साथ हमलावरों तथा साजिश करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग तथा काले कानूनों अविलंब निरस्त करने की मांग की।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।