उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में एसटीएफ ने छह को किया गिरफ्तार
डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं ने दी थी परीक्षा
उत्तराखंड राज्य में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग उत्तराखंड देहरादून की ओर से वर्ष 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाओं में राज्य के करीब 1.60 लाख युवाओं ने भाग लिया गया था। परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र संगठनों ने उक्त परीक्षा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका को लेकर ज्ञापन दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम के आदेश पर दर्ज किया गया था मुकदमा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए त्वरित निर्णय लेते हुए उक्त परीक्षा की अनियमित्ताओं के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए। इस पर थाना रायपुर में मु.अ.सं. 289/2022 धारा 420 भा.द.वि. पंजीकृत किया गया। इसके बाद पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के आदेशानुसार थाना रायपुर से उक्त विवेचना स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड पुलिस को त्वरित कार्रवाई के लिए स्थानांतरित की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अलग अलग टीमों ने छह को किया गिरफ्तार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स ने अलग-अलग टीमें बनाकर परीक्षा अनियमित्ताओं के सम्बन्ध में जांच शुरू कराई। इस दौरान जांच कर साक्ष्य संकलन करते हुए अभी तक कुल छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि प्रश्नपत्र लीक करके उन्होंने कई छात्रों को उत्तर रटाए। इसकी एवज में उन्होंने मोटी रकम वसूली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोपियों ने किया ये खुलासा
गहनतापूर्वक पूछताछ करने पर अभियुक्तगणों ने बताया गया कि मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया। इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पंडितवाड़ी, थाना कैंट, देहरादून आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रा0लि0 के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत।उक्त कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे। इस कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी से हुई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उक्त एसएससी आयोग कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी ग्राम पाटी, जिला चम्पावत का भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी के लिए आना जाना लगा रहता था। इस कारण उसकी पहचान भी मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी के द्वारा भी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी की जा रही थी। जिस कारण उसका अभियुक्त कुलवीर सिंह चैहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर उत्तर प्रदेश द्वारा करनपुर डालनवाला में संचालित डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर में कोंचिग ली जा रही थी। बाद में वहां उसने पढ़ाने का कार्य भी किया गया था। डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट/एकेडमी सेन्टर में कुलबीर डायरेक्टर के पद पर था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डायरेक्टर कुलवीर के माध्यम से शूरवीर सिंह चैहान पुत्र अतर सिंह चैहान नि कालसी, देहरादून की पहचान मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी से हुई। सितारगंज में गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह निवासी नजीमाबाद किच्छा, ऊधमसिंह नगर की मुलाकात मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी से हुई थी, जो कि किच्छा में ही प्राईवेट स्कूल में शिक्षक था तथा ग्रुप सी में स्नातक स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। शूरवीर व कुलवीर द्वारा अपने जान पहचान के परीक्षार्थियों के सम्बन्ध में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी को बताया था। इस पर मनोज जोशी ने मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास उपरोक्त से पेपर लीक कराने के सम्बन्ध में बताकर जयजीत दास को मनोज के माध्यम से 60 लाख रूपये दिये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जयजीत दास द्वारा यूकेएसएससी में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था। फिर उन प्रश्नों को मनोज जोशी पुत्र बालकिशन उपरोक्त के माध्यम से मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी, कोचिंग डायरेक्टर कुलवीर सिंह चैहान, शूरवीर सिंह चैहान, गौरव आदि के माध्यम से परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को परीक्षा की तिथि से 01 दिन पहले रामनगर स्थित एक रिसोर्ट में ले जाते थे। इस रिसोर्ट में मनोज के नाम से 03 कमरे बुक कराकर उक्त लीक प्रश्नों को परिक्षार्थियों को याद कराया जाता। साथ ही उन्हें अगली सुबह एग्जाम सेंटर तक छोड़ दिया जाता था। अभियुक्त जयदीप की निशानदेही पर उनके कब्जे से लगभग 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ जो उनके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।