नेता प्रतिपक्ष से राजकीय पेंशनर्स संगठन ने की उनकी समस्याओं को विधानसभा सत्र में उठाने की मांग
राजकीय पेंशनर्स संगठन एवं वरिष्ठ नागरिक संगठन ने उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से सेवानिवृत्त कर्मचारियों और शिक्षकों की समस्याओं को एक मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाने की मांग की।
उत्तराखंड में राजकीय पेंशनर्स संगठन एवं वरिष्ठ नागरिक संगठन ने उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश से सेवानिवृत्त कर्मचारियों और शिक्षकों की समस्याओं को एक मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाने की मांग की। इस आशय का पत्र संगठन के वरिष्ठ सदस्य विनोद चंद्र कुकरेती ने नेता प्रतिपक्ष को भेजा।
पत्र में कहा गया कि एक मार्च से प्रस्तावित विधानसभा सत्र में उनकी समस्याओं को भी उठाकर निदान कराने की दिशा में प्रयास किया जाए। इसमें उन्होंने निम्न बिंदुओं का उल्लेख किया।
1. पेंशनर्स को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 % पेंशन प्राप्त होती है । राज्य कर्मचारियों तथा समस्त कोटि के पेंश्नर शिक्षकों से “राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना” की गोल्डन कार्ड योजना में, सीधे मासिक मूल पेंशन से उसी दर पर अंशदान काटा जा रहा है, जैसा नियमित राज्य कर्मचारियों पर लागू है । पेंशनर्स से 50% की ही दर से अंशदान काटा जाना चाहिए और यह प्राकृतिक न्याय के अनुकूल होता।
2. जहां पति तथा पत्नी दोनों पेंशनर हैं। उनमें से केवल एक ( जिसकी मूल पेंशन अधिक है) से ही अंशदान लिए जाने की व्यवस्था, संबंधित शासनादेश में स्पष्ट की गई है। इसके बावजूद पौड़ी गढ़वाल जिले में ऐसा नहीं किया जा रहा है। दोनों पेंशनर्स की पेंशन से जनवरी 2021 से कटौतियां की जा रही हैं ।
3. अच्छा तो यह होता कि पेंशनर्स को उनकी लम्बी सेवाओं से पुरस्कृत किए जाने पर विचार किया जाता और उनकी जीवन यात्रा के वृद्धावस्था के सोपान पर उनसे कोई अंशदान ही नहीं लिया जाता। विभिन्न संगठनों ने प्रदेश सरकार को इस आशय के ज्ञापन भी भेजे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।