राजकीय पेंशनर्स ने सरकार से की केंद्रीय सेवाओं की तरह चिकित्सा सुविधा देने की मांग

राजकीय पेंशनर्स ने राष्ट्रीय चिकित्सा नीति बनाकर केंद्रीय सेवाओं की भांति चिकित्सा सुविधा देने की मांग सरकार से की है। इस सम्बन्ध में एक तर्कसंगत प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजने का अनुरोध उत्तराखंड शासन से किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच उत्तराखंड के संयोजक मंडल ने वरिष्ठतम आईएएस आनंद बर्धन के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करने पर उन्हें बधाई दी। साथ ही राजकीय पेंशनर्स की समस्या निराकरण की मांग की। मंच ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केंद्रीय सेवाओं की तर्ज पर राज्य में ओपीडी सहित निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया है। साथ ही राष्ट्रीय चिकित्सा नीति बनाए जाने तक राज्य में प्रचलित गोल्डन कार्ड योजना के सरलीकरण व सुद्रणीकरण सहित पारदर्शी बनाने के सुझाव भी पत्र में लिखे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पेंशनर्स समन्वित मंच के मुख्य संयोजक जेपी चाहर ने नवनियुक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन के पिछले कार्यकाल को कर्मचारी हितैषी बताते हुए उनकी नियुक्ति पर खुशी जताई है। चाहर ने बताया कि बर्धन ने कुम्भ मेला अधिकारी रहते हरिद्वार के कार्मिकों को कुम्भ मेला भत्ता दिलाया था और अब पेंशनर की समस्याओं के निराकरण का भरोसा भी जताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंच के संयोजक डॉ अशोक त्यागी ने मुख्य सचिव आनंद बर्धन को फोन पर पेंशनर्स की समस्याओं को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। वरिष्ठ संयोजक बीपी चौहान और ललित पांडेय ने बताया कि कल तीन अप्रेल को स्वास्थ्य मन्त्री की बैठक में गोल्डन कार्ड पर विचार के लिए मंच ने सुझाव दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों व पेंशनर्स के अंशदान को गोल्डन कार्ड चिकित्सा सेवा में होने वाले खर्च से कम बताकर सरकार कर्मचारी पेंशनर्स के साथ धोखा कर रही है। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी रहे मंच के संयोजक आरके अस्थाना ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि कार्मिकों व पेंशनर्स के धन का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य प्राधिकरण की व्यवस्था पर खर्च किया जारहा है जो उचित नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लेखन कार्य देख चुकीं संगीता शर्मा ने बताया कि कुछ साल पहले तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता था और अब अंशदायी योजना में सरकार कुछ भी खर्च नहीं करती है जो कार्मिकों व पेंशनर्स के साथ अन्याय है। रामसरीख ने तो यह तक कहा है कि निःशुल्क चिकित्सा पेंशनर्स का मूलभूत अधिकार है फिर अंशदान किसलिए। पेंशनर मंच के मुख्य संयोजक जे पी चाहर ने मुख्य सचिव के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत को भी राजकीय पेंशनर्स की भावनाओं से अवगत कराया है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।