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February 10, 2025

मर चुकी है प्रदेश सरकार की संवेदनाएं, मारा जा रहा है जनता को जानबूझकरः आर्येन्द्र शर्मा

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने एक बार फिर कोरोना अव्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला।

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने एक बार फिर कोरोना अव्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज ऑक्सिजन की कमी से प्रदेश के कोरोना संक्रमित जूझ रहे हैं। वहीं कहा जा रहा है कि देहरादून प्रशासन के मुखिया कोरोनेशन अस्पताल को 88 से नीचे ऑक्सिजन लेवल के मरीज को भर्ती न करने का तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं।
आर्येन्द्र शर्मा ने कहा कि 88 से ऊपर ऑक्सिजन लेवल वाला कोरोना संक्रमित तो काफी हद तक घर पर ठीक हो सकता है, लेकिन प्रदेश के वो कोरोना संक्रमित कहाँ जाएं जिनका ऑक्सिजन लेवल 88 से नीचे हैं? यदि अस्पताल में उनको भर्ती नहीं किया जाएगा तो उनकी मौत का सीधा जिम्मेदार प्रशासन एवं सरकार होगी।
आर्येन्द्र शर्मा ने सवाल पूछते हुए कहा कि जिला प्रशासन के मुखिया का यह फरमान सिर्फ प्रदेश की गरीब जनता के लिए है या फिर नेताओं, अमीरों और रसूखदारों पर भी उनका ये तुगलकी फरमान मान्य होगा?
उन्होंने कहा कि जनता कोरोना से मर रही है। आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सिजन की कमी से प्रदेश जूझ रहा है। दवाइयों की कालाबाजारी हो रही है और सरकार के कान पर जू नही रेंग रही है। सरकार ने जनता को अनाथों की तरह मरने छोड़ दिया है।
पिछले दिनों शासन स्तर से वेंटिलेटर खरीदे गए थे जो आज धूल फांक रहे हैं। आज वो वेंटिलेटर मरीजों की जान बचाने में कारगर साबित हो सकते थे, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निकम्मेपन के कारण वो वेंटिलेटर शो पीस बनकर रह गए।
उन्होंने कहा कि जो कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में है, उनसे कोरोना किट के नाम पर भद्दा मजाक किया जा रहा है। 14 दिन की दवाइयों के नाम पर मात्र 3 विटामिन-सी की टैबलेट दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग सहित आधा दर्जन के करीब विभाग मरीज को बार बार फोन कर के उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं।
आर्येन्द्र शर्मा ने आगे कहा कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्रो से ज्यादा बुरी स्थिति पहाड़ी क्षेत्रों की है। पहाड़ पर सभी जगह अस्पताल नहीं है। कहीं अस्पताल हैं भी तो धूल फांक रहे हैं। बेड नहीं है, ऑक्सिजन नहीं है, दवाई नहीं है, आईसीयू नहीं है। स्थिति ये है कि पहाड़ पर कोरोना संक्रमितों को शहर लाने के लिए प्रयाप्त मात्रा में एम्बुलेंस मौजूद नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहाड़ी क्षेत्रों में एम्बुलेंस, डॉक्टर्स, ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, आईसीयू और दवाईयां सुनिश्चित की जाएं।
वैक्सीनेशन की सुस्त रफ्तार पर सवाल उठाते हुए आर्येन्द्र शर्मा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि विशेषज्ञों की बातों पर अमल करे। प्रदेश के युवाओं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश में तराई क्षेत्रों से लेकर पहाड़ के आखिरी गांव तक तेज  रफ्तार से वैक्सीनेशन किया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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