उत्तराखंड सरकार को केंद्र से मिले रेमडेसिविर के तीन हजार इंजेक्शन, अस्पतालों तक पहुंची खेप, मरीजों का देना होगा ब्योरा
बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राहत की खबर आई है। राज्य सरकार को केंद्र से रेमडेसिविर के तीन हजार इंजेक्शन मिल गए हैं। इन्हें शुक्रवार देर रात स्वास्थ्य विभाग ने औषधि नियंत्रक ताजबर जग्गी के नेतृत्व में सरकारी और निजी अस्पतालों तक पहुंचा दिया है। कुछ अस्पतालों की मांग को देखते हुए दून अस्पताल ने अपना कोटा कम कर उनको इंजेक्शन अतिरिक्त दिए हैं।
औषधि नियंत्रक ताजबर जग्गी ने बताया जल्द ही इंजेक्शन की नई खेप भी आने वाली है। सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। अगर अब भी कोई अस्पताल रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर परेशान करे तो उसकी शिकायत करें, कालाबाजारी करने वालों को बढ़ावा न दें। कोई भी मेडिकल स्टोर प्रिंट रेट से ज्यादा पर दवाई देता है तो उसकी शिकायत करें।
क्या है रेमडेसिविर
कोरोना की वजह से फेफड़ों में संक्रमण होता है और फिर मरीज को निमोनिया हो जाता है। रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े के इंफेक्शन से बचाता है। फेफड़े में संक्रमण के आधार पर रेमडेसिविर के इंजेक्शन दिए जाते हैं। ज्यादा गंभीर स्थिति में एक मरीज को छह इंजेक्शन तक लगाने पड़ते हैं। ऐसे में इसकी मांग बहुत ज्यादा है और आपूर्ति उस अनुरूप नहीं है। ऐसे में इसकी जमाखोरी व कालाबाजारी भी चरम पर है।
इंजेक्शन के इस्तेमाल का देना होगा पूरा ब्योरा
जिन भी अस्पतालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, उन्हें इनके इस्तेमाल का पूरा ब्यौरा औषधि नियंत्रण विभाग को देना होगा। मरीज के आधार कार्ड, प्रिसकिप्शन व कोविड रिपोर्ट की छायाप्रति उन्हें विभाग को देनी होगी।औषधि नियंत्रक ने बताया कि अस्पतालों को जरूरत अनुसार इंजेक्शन दिये जा रहे हैं। भारत सरकार से प्रदेश को 13575 रेमडेसिवीर इंजेक्शन मिल रहे हैं। पर यह आवश्यक है कि अस्पताल इनका जायज इस्तेमाल करें।इनकी जमाखोरी न हो और किसी तिमारदार को परेशानी न उठानी पडे इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। इंजेक्शन मिल जाने के बाद भी अस्पताल किसी इसे बाहर से लाने को कह रहा है तो इसकी शिकायत विभाग से की जा सकती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।