राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव से की मुलाकात, कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा
उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) राधा रतूडी से मुलाकात की। इस मौके पर कर्मचारियों की समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा की गई।
इस दौरान आयोजित बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरूण पांडेय ने अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया कि प्रदेश के कर्मचारियों को शासन की ओर से पूर्व में जारी 30 जून 2022 तक शिथिलीकरण का लाभ आदेश दिया गया था। इसके उपरान्त भी कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव ने परिषद को आश्वस्त किया गया कि शिथिलीकरण के लिए 30 जून 2022 के आदेश को आगे बढ़ाकर विस्तार किया जायेगा।
परिषद की ओर से कर्मचारियों को स्वास्थ्य उपचार में गोल्डन कार्ड से भुगतान में हो रही कठनाईयों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। परिषद के पदाधिकारियों ने अवगत कराया गया कि कर्मचारियों को कैशलैस चिकित्सा उपचार के लिए विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। प्रतिपूर्ती भुगतान के लिए अत्यधिक इंतजार करना पडता है। इससे कि बीमार कर्मचारियों को धन की कमी के कारण बीच में ही इलाज बंद करना पड़ रहा है।
परिषद ने अपर मुख्य सचिव को यह भी अवगत कराया कि कर्मचारियों को आईपीडी (अस्पताल में भर्ती होने की दशा) में भी अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पडता है। इस इस विषय में अपर मुख्य सचिव ने परिषद को आश्वस्त किया कि जल्द ही राज्य स्वास्थ्य प्राधीकरण के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।
इस मौके पर एसीआर के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए परिषद की ओर से अपर मुख्य सचिव के संज्ञान में इस मामले को लाया गया। बताया कि प्रदेश के समूह क, ख एंव ग के कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि वर्ष 2021-2022 से आनॅ लाईन अंकित किए जाने के लिए आदेश जारी किये गये है। एसओपी में दी गयी समय सारणी के आनुसार सम्बन्धित कार्मिक की ओर से स्वमूल्यांकन आख्या की अंतिम तिथि 30 जून रखी गयी है। विभागों की ओर से कर्मचारियों के बैच बनाने में ही 28 जून तक का समय लिया गया, जिससे कर्मचारियों को स्वमुल्यांकन के लिए मात्र 2 दिन का समय मिला है। ये समय बहुत कम है। उन्होंने स्वमूल्यांकन समय को 30 जून आगे बढ़ाने की मांग की। साथ ही परिषद ने अवगत कराया कि कर्मचारियों को आइएफएमएस पोर्टल के माध्यम से भरे जाने वाले स्वमूल्यांकन आख्या में कई कमियां हैं। यदि कर्मचारी से कोई गलती हो जाये तो उस को शुद्ध करने का कोई विकल्प नहीं रखा गया है।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव ने परिषद के तथ्यों को गम्भीरता से लेते हुए अपर सचिव वित्त से वार्ता कर 30 जून की अंतिम तिथि में विस्तार करने के लिए कहा। साथ ही परिषद को आश्वस्त किया कि ऑनलाइन एसीआर के सम्बन्ध में जल्द ही शासन के अधिकारियों व विभागाध्यक्षों की बैठक आहूत की जाएगी। साथ ही सभी विभागाध्यक्षों को प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन करेंगे। उन्होंने परिषद से अपेक्षा की कि उक्त पोर्टल के माध्यम से एसीआर भरने में होने वाली कठिनाइयों के निराकरण के लिए अपने सुझाव दें। ताकि उक्त पोर्टल में होने वाले कठिनाइयों व समाधान पर बैठक में चर्चा हो सके। प्रतिनिधिमण्डल में राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, प्रान्तीय कोषाध्यक्ष रविन्द्र सिंह चौहान, रामकृष्ण नौटियाल, प्रदेश अध्यक्ष गन्ना पयर्वेक्षक सघ विनय कुकरेती आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।