सीएम धामी से मिला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल, इन बिंदुओं पर हुई वार्ता, कई बिंदुओं पर बनी सहमति
वार्ता के बिंदु
1.राज्य कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी सहित पदोन्नत वेतनमान अनुमन्य किया जाना।
2.एमएसीपी की अनुमन्यता के सम्बन्ध में अति उत्तम के स्थान पर उत्तम चरित्र प्रविष्टि के लिए जारी शासनादेश के संशोधित कर 01.01.2017 से प्रभावी कराया जाना।
3.शिथिलीकरण के लाभ हेतु 2021-22 की सीमा को समाप्त करते हुए पूर्व की भांति शिथिलीकरण का लाभ दिया जाना।
4.पूर्व में कार्मिक संगठनों के साथ किए गए समझौतों/आश्वासनों के अनुपालन की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया जाना।
5.स्थानान्तरण एक्ट की विसंगतियों का निराकरण किया जाना।
6.वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट कार्मिक संगठनों को उपलब्ध कराया जाना।
7.निगम एवं निकाय कर्मियों को राज्य कर्मियों की भांति समस्त लाभ प्रदान किया जाना।
8.विभिन्न विभागों के लम्बित पुनर्गठन एवं सेवा नियमावली के प्रकरणों पर तत्काल कार्यवाही किया जाना।
9.तदर्थ रुप से नियुक्त कार्मिकों के विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं को जोड़ते हुए सेवा सम्बन्धी समस्त लाभ अनुमन्य किया जाना।
10.शासनादेश के अनुरुप विभागाध्यक्षों द्वारा समय समय पर कार्मिक संगठनों से बैठक कर समस्याओं का निराकरण किया जाना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिव कार्मिक को किया निर्देशित
परिषद के प्रान्तीय प्रवक्ता आरपी जोशी ने बताया गया कि उक्त समस्त प्रकरणों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए सचिव, कार्मिक को निर्देशित किया गया कि जल्द ही उनकी अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए। ताकि उक्त समस्त बिन्दुओं का निराकरण कराया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो अन्य मांगे भी रखी
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष दो अन्य प्रमुख मांगों को रखते हुए ठोस कार्यवाही की मांग की। इसमें स्थानान्तरण अधिनियम के अन्तर्गत इस वर्ष हुए वार्षिक स्थानान्तरणों में कई विभागों यथा गन्ना विकास विभाग, बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण, आईटीआई, निर्वाचन, अर्थ एवं संख्या इत्यादि में एक्ट का दुरुपयोग कर किए गए स्थानान्तरणों पर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही कर्मचारियों ने सीएम को बताया कि गोल्डन कार्ड के आधार पर राज्य के कार्मिकों एवं पेंशनरों को शासनादेश के बिन्दु संख्य 19 के अन्तर्गत कैशलेश चिकित्सा अनुमन्य किए जाने के लिए पंजीकृत दवा की दुकानों से कार्ड के आधार पर कैशलेस दवा दिए जाने एवं पंजीकृत जांच केन्द्रों से कैशलेश जांच कराए जाने की व्यवस्था की गई है। अब तक दवा की दुकानों एवं जांच केन्द्रों का पंजीकरण न हो पाने के कारण कार्मिकों एवं पेंशनरों को कैशलेस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। परिषद ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह सुझाव रखा गया कि दवा की दुकानों के पंजीकरण होने तक जन औषधि केन्दों, पंजीकृत चिकित्सालयों, एवं राजकीय चिकित्सालयों से गोल्डन कार्ड के आधार पर कैशलेश दवाएं उपलब्ध कराई जाए। साथ ही पैथोलाजी जांच केन्द्रों के पंजीकृत होने तक राजकीय चिकित्सालयों एवं पंजीकृत चिकित्सालयों में उपलब्ध जाँच केन्द्रों में कैशलेश जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने जताई ये सहमति
परिषद पदाधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने स्थानान्तरण अधिनियम के अन्तर्गत स्थानान्तरण एक्ट का दुरुपयोग कर किए गए स्थानान्तरणों पर विभागाध्यक्षों को तत्काल निर्देश जारी कर कठोर कार्यवाही करने के लिए अपनीं सहमति व्यक्त की गई। परिषद की गोल्डन कार्ड के सम्बन्ध में दवा वितरण केन्द्रों, एवं पैथोलाजी जाँच केन्द्रों का पंजीकरण होने तक जन औषधि केन्द्रों एवं पंजीकृत चिकित्सालयों, राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध दवा वितरण केन्द्रों से कैशलेश दवा दिए जाने एवं जाँच केन्द्रों पंजीकरण होने एवं पैथ की गई कैशलेश दवा एवं कैशलेश जाँच के सम्बन्ध में पंजीकृत दवा एवं राजकीय तथा पंजीकृत चिकित्सालयों के जांच केन्द्रों पर कैशलेस जांच की सुविधा प्रदान करने के लिए अपनी सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परिषद ने जताया आभार
परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री की ओर से कार्मिक हित में कई मांगों पर अपनीं सहमति व्य्क्त करने पर हार्दिक आभार प्रकट किया। परिषद के शिष्टमंडल में प्रान्तीय अध्यक्ष अरुण पांडे, प्रान्तीय महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, प्रान्तीय संरक्षक ओमवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।