Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 24, 2024

उत्तराखंड में राज्यकर्मियों को बच्चों की देखभाल के लिए मिलेगा चाइल्ड केयर अवकाश, शासनादेश जारी, देखें शर्तें

1 min read

उत्तराखंड में सरकार ने महिला सरकारी कर्मियों, एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) स्वीकृत कर दिया है। साथ ही इसे लेकर शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। ये शासनादेश सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जारी किए गए हैं। वहीं, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष अरुण पांडे ने चाइल्ड केयर लीव के प्राविधानो में किए गए सुधारों को लेकर कहा कि इन सुधारो से राज्यकार्मियों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। परिषद प्रदेश सरकार सरकार व शासन का आभार प्रकट करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये कहा गया आदेश में
आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों को विशिष्ट परिस्थितियों यथा संतान की बीमारी अथवा उनकी परीक्षा आदि में संतान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल के लिए सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश मिलागा। तथा राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों, जिनके बच्चे 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हैं, उन्हें संतान की बीमारी अथवा उनकी परीक्षा आदि में सन्तान की 22 वर्ष की आयु तक देखभाल के लिए बाल्य देखभाल अवकाश के रूप में सम्पूर्ण सेवाकाल में 02 वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बाल्य देखभाल अवकाश की शर्तें
-बाल्य देखभाल अवकाश केवल दो बड़े जीवित बच्चों के लिए ही अनुमन्य होगा।
-एकल अभिभावक में अविवाहित, विधुर, तलाकशुदा पुरूष सरकारी सेवक तथा अविवाहित महिला सरकारी सेवक को भी सम्मिलित किया जायेगा।
-बाल्य देखभाल अवकाश के प्रयोजनार्थ 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग, निःशक्त बच्चों के मामले में आयु सीमा का कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा।
-बाल्य देखभाल अवकाश उपार्जित अवकाश की भाँति स्वीकृत किया जायेगा तथा उपार्जित अवकाश की भाँति बाल्य देखभाल अवकाश खाता रखा जाएगा। बाल्य देखभाल अवकाश के मध्य पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश को बाल्य देखभाल अवकाश में सम्मिलित माना जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

-जनहित एवं कार्यालय के प्रशासकीय कार्यों के सुचारु सम्पादन को दृष्टिगत रखते हुए नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा किसी कार्मिक को बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में 05 दिनों से कम अवधि एवं 120 दिनों से अधिक अवधि का बाल्य देखभाल अवकाश स्वीकृत नहीं किया जायेगा।
-एकल महिला सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश एक कलैण्डर वर्ष में अधिकतम 6 बार तथा अन्य पात्र महिला व पुरुष सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश एक कलैण्डर वर्ष में अधिकतम 03 बार अनुमन्य होगा।
-बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के संबंध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर
ही नियमानुसार लागू होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

-बाल्य देखभाल अवकाश अधिकार के रूप में नहीं माना जायेगा। किसी भी परिस्थिति में कोई भी कर्मचारी बिना पूर्व स्वीकृति के बाल्य देखभाल अवकाश पर नहीं जा सकेगा। बिना पूर्व स्वीकृति के बाल्य देखभाल अवकाश पर जाने तथा निर्दिष्ट प्रयोजनों के इतर अन्य कार्यो हेतु बाल्य देखभाल अवकाश लिये जाने की स्थिति में सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध
अनुशासनात्मक कार्यवाही सम्बन्धी नियम व आदेश लागू होंगे।
-परिवीक्षाकाल में बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में नियुक्ति प्राधिकारी गुण-दोष के आधार पर कम से कम अवधि का बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य किये जाने पर विचार कर सकते हैं। सेवा नियमावली में निर्धारित परिवीक्षा काल अवधि में बाल्य देखभाल अवकाश तीन माह से अधिक अनुमन्य नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-उक्त व्यवस्था विभिन्न विभागों के राजकीय एवं सहायता प्राप्त शिक्षण, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के पात्र महिला, पुरूष सरकारी शिक्षकों (UGC, CSIR, एवं ICAR से आच्छादित पदों को छोड़कर) एवं सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षणेत्तर पात्र महिला व पुरुष कर्मचारियों पर भी लागू होगी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *