सीएम धामी से मिले प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने को सख्त कदम उठाने की मांग
राज्य के विभिन्न जनपदों में पिछले कुछ महीनों से घट रही आपराधिक घटनाओं को कुछ संगठनों द्वारा साम्प्रदायिक रंग दे कर राज्य की शांति भंग करने के खिलाफ और राज्य के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के प्रयास के विरोध में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है इसके कारण उत्तरकाशी के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पुरोला से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और शरारती तत्वों व आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के विरुध्द कड़ी कार्यवाही की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपनी मुलाकात के बारे में दोपहर पत्रकारों को जानकारी देते हुए धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी को राज्य में लगातार बढ़ रही एक जैसी घटनाओं से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि इनमें शामिल युवा सभी उत्तराखंड के नहीं हैं, बल्कि उत्तरप्रदेश के बिजनौर, मेरठ, सहारनपुर व मुजफ्फरनगर के हैं। ये युवक या तो किसी लड़की को कहीं घूमने ले जा रहे हैं। या होटल में ले जा रहे हैं। अचानक इनको पकड़ लिया जाता है। फिर विभिन्न संगठनों के लोग एकत्रित हो कर धार्मिक नारेबाजी करते हैं। फिर पुलिस आ कर आरोपी युवकों को गिरफ्तार करती है और अगले दिन लव जिहाद की बैनर खबर बनती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि चाहे उत्तरकाशी जिले में पुरोला हो या देहरादून जिले में त्यूनी। या आराकोट हो या फिर गोचर। सभी जगह एक जैसी कहानी दोहराई गयी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से पुरोला की घटना और उसके बाद वहां पूरी यमुना घाटी में जिस प्रकार से बंद व प्रदर्शन किये गए, उससे वहां दशकों से रह रहे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के मन में भय व्याप्त हो गया है। पुरोला में तो हालात ऐसे हो गए कि भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को परिवार सहित वहां से पलायन करना पड़ गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इस नाते वे सब के अभिभावक भी हैं। अगर उत्तराखंड में अनेक पीढ़ियों से राह रहे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में असुरक्षा की भावना पनपती है तो यह विफलता राज्य सरकार की व कानून व्यवस्था की है। धस्माना ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री को आगे आ कर सभी वर्गों सभी धर्मों के नागरिकों को आश्वस्त करना चाहिए कि कानून सब के लिए बराबर है और कानून हाथ में लेने वाला किसी भी वर्ग या जाति धर्म का हो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने मुख्यमंत्री धामी से कहा कि वे आगे बढ़ कर यह सुनिश्चित करें कि जिन निर्दोष लोगों ने डर व भय से पलायन किया। वे वापस अपने घर जाएं, सरकार उनको पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगी। धस्माना ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में अलग अलग समुदाय के लोग महापंचायत बुलाने की घोषणा कर रहे हैं, जिससे पूरे राज्य में भय व संशय का वातावरण बन रहा है। इसलिए वे स्वयं पहल कर इन महापंचायतों पर रोक लगाएं। क्योंकि उत्तराखंड में इस तरह की पंचायतों की परंपरा नहीं है। इससे राज्य में लोगों में भय संशय का वातावरण बना हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री को उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। अगर कोई आपराधिक घटना घटित होती है तो कानून और पुलिस को अपना काम करना चाहिए। किसी को भी इस प्रकार की घटना की आड़ में राज्य का सौहार्द बिगड़ने की छूट दी जानी चाहिए। धस्माना ने मुख्यमंत्री श्री धामी से राजधानी देहरादून में व्याप्त पेयजल संकट पर भी चर्चा की। साथ ही तत्काल पेयजल संकट से निबटने के लिए एक एक्शन प्लान बनाने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य का सौहार्द बना रहे व सभी
अधिकारियों को यह निर्देशित कर चुके है। बार बार करेंगे कि कानून सब के लिए बराबर है और जो कानून अपने हाथ में ले उससे बिना किसी भेद भाव के सख्ती से निबटा जाए। पलायन पर भी मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी निर्दोष को डरने व पलायन करने की जरूरत नहीं है। पेयजल संकट पर भी मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मुख्य सचिव को इस बाबत आवश्यक निर्देश देंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।