राज्य आंदोलनकारियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने विधानसभा के समक्ष दिया धरना
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज मंगलवार छह सितंबर से शुरू हो गया। पहले दिन जहां सदन में विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घरने का प्रयास करता रहा। वहीं, सड़क पर विभिन्न संगठनों ने विधानसभा पहुंचकर प्रदर्शन किया। उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद एवं विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने राज्य आंदोलनकारियो की मांगों के संबंध में विधानसभा से कुछ दूर सड़क किनारे एक दिवसीय धरना दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बाद में उप जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञपन प्रेषित किया गया। धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि यदि राज्य आंदोलनकारीयो की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया, तो भविष्य में आंदोलनकारीय संगठनों को संघर्ष का बिगुल बजाना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा शीघ्र अति शीघ्र सरकार राज्य आंदोलनकारीयो की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
1- राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए।
2- राज्य में धारा 371 लागू की जाए।
3-भू कानून लागू किया जाए।
4-मूल निवास लागू किया जाए।
5-राज्य आंदोलनकारियों की एक समान पेनशन लागू की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे धरने में शामिल
धरने में शामिल होने वालों में उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के संरक्षक नवनीत गोसाई, प्रदेश अध्यक्ष विपुल नौटियाल, जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार, उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष जबर सिंह पावेल, उपाध्यक्ष लोक बहादुर थापा, उत्तराखंड महिला मंच की संयोजक निर्मला बिष्ट, विमला रावत, संगीता रावत, सत्या पोखरियाल, पुष्प लता सिलमाना, जनवादी महिला समिति की ओर से नुरेशा अंसारीक, शाकंभरी रावत, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से राजेंद्र पुरोहित, अनंत आकाश, प्रेम सिंह नेगी, जगमोहन रावत, बालेश बवानिया, धर्मानंद भट्ट, प्रभात डंडरियाल, लखन चीलवाल, द्वारिका डिमरी, कुसुम बिष्ट, गोदांबरी भट्ट, देवेश्वरी गोसाई, कल्पेश्वरी नेगी, बीना कुकरेती आदि उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।