उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व शिक्षा अधिकारी मोहन सिंह रावत का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से कोटद्वार क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व शिक्षा अधिकारी मोहन सिंह रावत का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से कोटद्वार क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर है। वर्ष 1994 में राज्य आंदोलन के दौरान मोहन सिंह रावत नागरिक मंच की स्थापना करने वाले अग्रणी व्यक्तियों में थे। विगत दिवस अपने निवास स्थान गाड़ीघाट कोटद्वार में उनका निधन हो गया। वह पौड़ी जिले के वीरौंखाल के ग्राम नाकुरी के मूल रूप से रहने वाले थे। उनका अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया गया। जहां उनके पुत्र बृजमोहन रावत ने मुखाग्नि दी। बृजमोहन रावत उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर में संयुक्त सचिव हैं।स्वर्गीय मोहन सिंह रावत नागरिक मंच की स्थापना के अतिरिक्त गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के गठन में भी सक्रिय रहे। वह एक मृदुभाषी एवं कुशल शिक्षा अधिकारी के रूप में गढ़वाल जनपद में विशेष स्थान रखते थे और उनकी प्रशासनिक क्षमता का बहुत बड़ा उपयोग शैक्षिक प्रशासकों की ओर से किया जाता था। कोटद्वार में उन्हें नागरिक मंच सहित विभिन्न संगठनों ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में पूरन सिंह रावत, चंद्रप्रकाश नैथानी, पूर्व प्रधानाचार्य विनोद चंद्र कुकरेती, पीसी नवानी, वीरेंद्र सिंह गुसाईं, अतुल भट्ट ,हरीश भदोला, रघुवीर रावत और पुष्कर गुसाईं आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।