महाकुंभ में भगदड़, 17 श्रद्धालुओं की मौत की खबर, गाजे बाजे के साथ अखाड़े नहीं निकालेंगे यात्रा, पीएम मोदी ने सीएम से की बात

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार की आधी रात के बाद बुधवार करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इसमें 17 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। साथ ही 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालांकि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है। महाकुंभ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, स्वरूपरानी अस्पताल में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। प्रशासन ने अभी तक किसी भी मौत के बारे में नहीं बताया है। वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफ़ोन पर बातचीत की है और हालात का जायज़ा लिया है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है। उन्होंने यूपी सरकार को केंद्र से पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा- संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला किया गया है। बाद में स्थिति समान्य होते देख अखाड़ों ने तय किया कि सुबह 11 बजे मौनी अमावस्या का स्नान किया जाएगा। हालांकि, गाजे बाजे के साथ अखाड़े नहीं निकलेंगे। साथ ही वाहनों की संख्या सीमित रहेगी। बताया जा रहा है कि अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया ये तय
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने पहले कहा था कि हम सभी 13 अखाड़े स्नान नहीं करेंगेत क्योंकि जिस तरीके से आज जो घटना हुई है. वह बहुत दुःखद घटना है। इसलिए हम लोग मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करने का फैसला लिया है अब हम लोग बसंत पंचमी का अमृत स्नान करेगे। बाद में अखाड़ा परिषद ने तय किया कि सुबह 11 बजे के बाद मौनी अमावस्या का स्नान तो किया जाएगा, लेकिन शोभायात्रा गाजेबाजे के साथ नहीं निकाली जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विजय दीक्षा लेने वाले संतों ने ही किया शाही स्नान
महाकुंभ मेले में विजय दीक्षा ले चुके लोगों का अमृत स्नान करना अनिवार्य होता है। लिहाजा ऐसे लोगों ने अखाड़ों का शाही स्नान रद्द होने के बावजूद नियम के अनुसार संगम में स्नान किया। महंतों से आज्ञा लेने के बाद वे स्नान के लिए पहुंचे। स्नान के बाद ही उनकी दीक्षा पूरी मानी जाएगी। इसके बाद तय होगा कि उन्हें किस तरह का (नागा संन्यासी या वस्त्र धारण करने वाला साधु) बनना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं
मीडिया रिपोर्ट में इस भगदड़ में कई लोगों की मौत की खबर है हालांकि, आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि भगदड़ के बाद लोगों को जहां तहां रोक दिया गया है। संगम घाट की तरफ ट्रैफिक रोक दिया गया है। मेला प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कुछ बैरियर टूट गए
अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब इलाके में कुछ बैरियर टूट गए, जिससे लोग घायल हो गए। हालांकि, घायलों को अस्पताल ले जाया गया और उनका इलाज किया जा रहा है और उन्होंने दोहराया कि यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘संगम मार्गों पर कुछ बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कुछ लोग घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।