शहादत दिवस पर याद किए गए श्रीदेव सुमन, दून में माकपा और गढ़वाल सभा ने दी श्रद्धांजलि, उत्तरकाशी में काव्य पाठ

श्रीदेव सुमन की 79 बलिदान दिवस पर आज उत्तराखंड में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी के जिला कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर महान क्रांतिकारी की शहादत को याद किया गया। वहीं, अखिल गढ़वाल सभा देहरादून ने भी श्रद्धांजलि दी। उत्तरकाशी में कवियों ने काव्य पाठ कर गढ़वाली कविताओं का वाचन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीपीएम कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने सुमन को याद करते हुए कहा कि श्रीदेव सुमन ने आज से 79 वर्ष पूर्व टिहरी राजशाही के क्रूरतम जुल्म के खिलाफ अपना बलिदान दिया। अमर शहीद श्रीदेव सुमन को राजद्रोह के आरोप के चलते टिहरी राजशाही ने कैद डाल दिया था। वह अपनी मृत्यु तक 208 दिन जेल में रहे। राजशाही का क्रूरतम अत्याचार भी उनको विचलित नहीं कर पाया। राजशाही से जनता की न्यायोचित मांगों के लिये सुमन अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे। जहां उन्होंने 84वें दिन दुनिया को सदा सदा के लिये अलविदा कह दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि आज भी साम्प्रदायिक तथा जाति विभेद तथा सत्ता के दमन व शोषण के खिलाफ लड़ाई जारी है। यह लडा़ई तब तक जारी रहेगी, जब तक आदमी द्वारा आदमी के शोषण का अन्त न हो जाऐ। सुमन ने जो अपने प्राणों की आहूति दी, वह आज भी हमारे दिलोदिमाग में हैं। उनके योगदान को सदैव याद किया जाऐगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, सीपीआई (एम एल) राज्यसचिव इन्देश मैखुरी, सीपीएम के महानगर सचिव अनन्त आकाश, किसान सभा अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, सीटू अध्यक्ष किशन गुनियाल, महामंत्री लेखराज, जेएमएस उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, उमा नौटियाल, जानकी चौहान, रजनी, भगवन्त पयार, इन्द्रैश नौटियाल, आशु, विजय भट्ट, दिनेश नौटियाल, मोनिका, रामसिंह, शिवा, रविन्द्र कुमार, विनोद कुमार, दयाकृष्ण पाठक आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अखिल गढ़वाल सभा देहरादून में अमर शहीद श्री देव सुमन की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि श्री देव सुमन राजशाही के विरुद्ध आंदोलन करके शहीद होने वाले उत्तराखंड के पहले आंदोलनकारी थे। इनका जन्म 25 मई 1916 को ग्राम जौल टिहरी गढ़वाल में हुआ था। अल्पायु में ही जनता के अधिकारों के लिए टिहरी रियासत के विरुद्ध आंदोलन कर 3 मई 1944 को ऐतिहासिक आमरण अनशन शुरू कर दिया। अंततः रियासत के जुल्मों से लड़ते हुए इन्होंने 25 जुलाई 1944 को अपने राज्य उत्तराखंड के लिए अपने प्राण त्याग दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना जी ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें गर्व है कि मात्र 29 वर्ष की आयु में ही श्री देव सुमन अपने राज्य व पहाड़ी समाज के लिए ऐसा कार्य कर गए, जिससे उनका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में सदा सदा के लिए अमर हो गया। सभा के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने भी उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री देव सुमन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत थे। इस अवसर पर सभा के कोषाध्यक्ष संतोष कुमार गैरोला, सह सचिव दिनेश बौड़ाई, संगठन सचिव डॉ. सूर्य प्रकाश भट्ट ,एडवोकेट ओपी सकलानी, शालिनी उनियाल, गौरव कुकरेती आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रभव साहित्य संगीत कला मंच ने आयोजित की काव्य गोष्ठी
सुमन के शहादत दिवस के मौके पर प्रभव साहित्य /संगीत और कला मंच उत्तरकाशी ने जोशियाड़ा में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इसमें हिंदी और गढ़वाली कविताओं का वाचन किया गया। काव्य गोष्ठी का आयोजन मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया गया। तत्पश्चात साधना जोशी ने सभी कवि गणों को पुष्प गुच्छ भेंट करके सम्मानित किया।
काव्य गोष्ठी में मां शारदे की वंदना एवं श्रीदेव सुमन, वचपन का दिन बौड़ि ऐ गैनि एवं बाजूबंद का वाचन डॉ मीना नेगी ने किया। डॉ. अंजू सेमवाल ने शिवस्तुति हिंदी में और राम स्तुति गढ़वाली में प्रस्तुत की। राजेश जोशी ने ग़ज़ल और गढ़वाल कुमाऊं की गाथा तुम तैं सुणौंदु, सरिता भण्डारी ने गढ़वाल के लाल श्रीदेव सुमन तथा पैलि का दिन की प्रस्तुति दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गीता गैरोला ने कोदु झंगोरू, गंगा मां, कुड़ा कु ढेर, उषा भट्ट ने सावन की घटा, साधना जोशी ने पर्यावरण और बाजूबंद का वाचन किया। काव्य गोष्ठी में आशिता डोभाल ने काव्य गहनता पर अपने विचारों को साझा किया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।