एसआरएचयू के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने अमेरिकन छात्रों को दिया मन और शरीर स्वस्थ रखने का मंत्र

देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) जौलीग्रांट की ओर से गुरुदेव डॉ. स्वामी राम की शिक्षाओं पर आधारित ‘साइंस ऑफ जॉयफुल लिविंग’ पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन ओशकोश (यूडब्ल्यूओ), अमेरिका के नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने उन्हें स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर की अवधारणा के विषय में विस्तृत जानकारी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बुधवार को नर्सिंग कॉलेज सभागार में आयोजित कार्यशाला का औपचारिक शुभारंभ संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि जैसे शरीर को ठीक रखने के लिए सही खान-पान व नियमित व्यायाम आवश्यक है उसी प्रकार सांसों के लिए प्रणायाम व मन को शान्त रखने के लिए ध्यान अति आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन ओशकोश (यूडब्ल्यूओ), यूएसए के छात्र-छात्राओं को कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने विश्वविद्यालय की ओर से चिकित्सा शिक्षा व शोध पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान नर्सिंग कॉलेज प्रिसिंपल डॉ. संचिता पुगाजंडी, यूडब्ल्यूओ की फैकल्टी डॉ. हैडी हेनसेन, डॉ. मारिया ग्राफ, डॉ. कैथी, डॉ.कमली प्रकाश सहित कॉलेज की फैकल्टी मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
70 फीसदी बिमारियां मन के विकार से उत्पन्न
कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि साल 1968 में गुरूदेव डॉ.स्वामी राम ने कहा था कि 70 फीसदी शारीरिक बिमारियां मन के विकार से उत्पन्न से होती हैं। मन को संयमित करने के लिए ध्यान जरूरी है। वर्तमान में अत्याधुनिक मेडिकल साइंस भी यही बात कह रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शरीर और मन के बीच की कड़ी है श्वास
एसआरएचयू के डायरेक्टर जनरल (एकेडमिक डेवलेपमेंट) डॉ.विजेंद्र चौहान ने डॉ.स्वामी राम की योग व ध्यान पर आधारित शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शरीर और मन के बीच की कड़ी है श्वास। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है मन का शांत होना। मन को शांत करने के लिए जरूरी है ध्यान। मन के शांत होने से सकारात्मक ऊर्जा हमारे भीतर रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संतुलित आहार होतो है अधिक ऊर्जावान
कार्यशाला के संबोधित करते हुए एसआरएचयू की नर्सिंग निदेशक व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रेनू धस्माना ने कहा कि किसी व्यक्ति का संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छे पोषण, शारीरिक व्यायाम और स्वस्थ शरीर के वजन पर निर्भर करता है। संतुलित आहार से हम अधिक ऊर्जावान महसूस करते और साथ ही इसका असर हमारी मनोदशा पर भी पड़ता है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।