उत्तराखंड के खेल मंत्री का ऐलान, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की कराई जाएगी जांच
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड के खेल मंत्री अरविंद पांडे ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की जांच सचिव स्तर के अधिकारी से कराने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी गड़बड़ी के लिए दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले को कांग्रेस विधायक करण माहरा ने विस्तार से सदन में उठाया था।
हाल ही में उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से सीनियर टीम से मुख्य कोच वसीम जाफर ने इस्तीफा दे दिया था। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वसीम जाफर ने सीएयू के सचिव महिम वर्मा के साथ ही चयनकर्ताओं पर अंगुली उठाई थी। साथ ही खिलाड़ियों के चयन में मनमानी करने, अच्छे खिलाड़ियों की उपेक्षा करने आदि के आरोप लगाए थे। वहीं, वसीम जाफर पर आरोप लगाए गए थे कि वे खिलाड़ियों को बजरंग बली का नारा लगाने से रोकते हैं। साथ ही मैदान पर नमाज पढ़ने के लिए मौलवी बुलाते हैं।
उत्तराखंड युवा संगठन के सचिव गोपाल गेलाकोटी ने मुख्यमंत्री को एक ई मेल के जरिये उत्तराखंड में बर्बाद हो रहे क्रिकेट को बचाने का अनुरोध किया था। इसमें कहा गया कि सीएयू क्रिकेट के क्षेत्र में कामयाबी में नाकामयाब हो रहा है। इससे प्रदेश में क्रिकेट का प्रदर्शन निरंतर गिर रहा है। इसका कारण संघ के भीतर आपसी खींचतान, वित्तीय अनियमितताएं, चयन प्रक्रिया में मनमानी आदि हैं। टीम चयन में भी नियमों की अनदेखी की जा रही है।
कहा गया था कि वसीम जाफर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेटर है। उन्होंने भी मुख्य कोच पद से इस्तीफा देकर कई अनियमितताओं पर ध्यान दिलाया है। सीएयू सचिव खेल में जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी करते हैं। यही नहीं, बीसीसीआइ के लोकपाल ने भी अपने हालिया फैसले में बताया है कि कैसे संबद्धता हासिल करने के बाद से सीएयू ने उत्तराखंड में क्रिकेट के खेल को नष्ट करने के अलावा कुछ नहीं किया है। उन्होंने सीएयू सचिव के खिलाफ जांच करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
विधानसभा के सत्र में कांग्रेस के विधायक करण माहरा ने सीएयू का प्रकरण उठाया। उन्होंने उत्तराखंड क्रिकेट में घपले, क्रिकेटरों से भेदभाव, घोटाले, जालसाजी आदि मुद्दे को उठाया। इस पर खेल मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि उत्तराखंड के क्रिकेटरों के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी। किसी से नाइंसाफी नहीं होगी। सचिव स्तर के अधिकारी इसकी जांच करेंगे।
नियम 18 के तहत भराड़ीसैंण में चल रहे बजट सत्र में रानीखेत के विधायक करण माहरा ने सीएयू के सारे मुद्दों को दमदार तरीके से उठाया। उन्होंने सीएयू सचिव का नाम लिए बगैर कहा कि एक उपनल का बाबू बीसीसीआइ का उपाध्यक्ष तक बन गया। बगैर काबलियत के ओहदों में बैठने से जाहिर होता है कि वह कितना बड़ा बाजीगर है। वह बोर्ड से हटाया तो उत्तराखंड बोर्ड का फिर सचिव बन गया।
उन्होंने कहा कि वह चौथी बार पदाधिकारी बन गया। वहीं, बीसीसीआइ के नियमों के मुताबिक सीर्फ तीन बार और लगातार दो बार ही कोई इन ओहदों पर चुना जा सकता है। कांग्रेस विधायक दल उप नेता ने कहा कि उत्तराखंड टीम चयन में लगातार धांधली हो रही है। मनमानी और चयन को लेकर पैसे के आरोप लग रहे हैं। सर्वोच्च संस्था एपेक्स काउंसिल में यूपी के ज्ञानेंद्र पांडे को शामिल किया। वह यूपी के टीम मैनेजर हैं। सरकारी कर्मचारी व अधिकारी सीएयू में सदस्य वोटर हैं। जो बाइलाज का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश की निशा वर्मा ने देश में सबसे अधिक विकेट लिए, लेकिन उन्हें टीम से बाहर कर दिया।
उन्होंने कहा कि देश के लिए खेलने वाले वासिम जाफर को इसलिए सचिव ने निशाना बनाया कि वह अल्पसंख्यक समुदाय से है। उन्होंने कहा कि ये इसलिए भी अहम है कि सीएम की अध्यक्षता वाली यूनाइटेट क्रिक्रेट एसोसिएशन का विलय भी सीएयू में किया गया था। इसलिए सरकार को मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमाम में सब नंगे हैं। चाहे भाजपा के हों या फिर कांग्रेस के। सभी इस गौरखधंधे में शरीक हैं। खुद कांग्रेस नेता सीएयू के अध्यक्ष हैं। वह पार्टी से इतर खिलाड़ियों के लिए इंसाफ और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। खेल मंत्री ने कहा कि सीएयू को मान्यता उनके कार्यकाल में मिली। किसी भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा। पूरे मामले की सचिव स्तर से बिंदुवार जांच कराई जाएगी। क्रिकेटरों के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।