Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 4, 2025

अध्यात्मिक जागरण से भारत बनेगा विश्वगुरुः सतपाल महाराज

समाजसेवी संत व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अध्यात्म के जागरण से ही भारत विश्वगुरु बनेगा।

हरिद्वार में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में ऋषिकुल कॉलेज मैंदान में चल रहे तीन दिवसीय सद्भावना सम्मेलन के अंतिम दिन समस्त जनमानस को संबोधित करते हुए समाजसेवी संत व उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अध्यात्म के जागरण से ही भारत विश्वगुरु बनेगा। जब व्यक्ति सत्संग सुनेगा, आत्मज्ञान की दीक्षा लेकर साधना करेगा, सेवा करेगा तभी अध्यात्मिक जागरण होगा। अध्यात्मिक जागरण होने के पश्चात, भारत विश्व को अध्यात्म का संदेश देगा और तब भारत विश्वगुरु बनेगा।
सतपाल महाराज ने सद्भावना सम्मेलन में देश-विदेश से आये विराट जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संत-महात्माओं ने 4 अवस्थाओं का धर्म शास्त्रों में उल्लेख किया है। जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरिया संसार का हर प्राणी सोता है और तीनों अवस्थाओं में उसे संसार की वस्तुओं का आभास होता रहता है। प्रभु का उन अवस्थाओं में दर्शन नहीं होता है, जो तुरिया अवस्था समाधि की अवस्था व्यक्ति की एक जैसी होती है। उस अवस्था मे व्यक्ति को संसार का ध्यान नहीं रहता है। केवल वह प्रभु के वास्तविक स्वरूप से जुड़ जाता है। उसी समाधि अवस्था का सदियों से हमारे संत-महान पुरुषों ने समय-समय पर जिक्र किया है। तुरिया अवस्था समाधि की अवस्था होती है उसमें प्रभु के अध्यात्मिक ज्ञान शब्द ब्रह्म से जुड़ कर उसका अनुभव करना होता है।

महाराज ने कहा कि जब हम सच्चे नाम का सुमिरन करते हुए ,भजन करते हुए, प्रभु में समाहित हो जाते हैं तो हम संसार के भवसागर में डूबते नहीं है फिर हमारा जन्म मरण नहीं होता है, फिर हमारा उद्धार हो जाता है, हम सदा के लिए मुक्त हो जाते हैं। यही मार्मिक बातें हमारे संतो ने बताई हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु के नाम का सुमिरन करे ,जो भक्त होता है, साधक होता है वह गुरु महाराज के ज्ञान में विश्वास करता है। प्रभु के नाम सुमिरन से पूरे वातावरण को पवित्र करता है। सकारात्मक सोच को आगे लाता है। उससे धीरे-धीरे नकारात्मक विनाशकारी सोच खत्म हो जाती है।

सद्भावना सम्मेलन में नेपाल की राजधानी काठमांडू से आए विशिष्ट अतिथियों ने सम्मिलित हो कर राष्ट्र संत सतपाल महाराज को अभिनंदन पत्र भी भेंट किया। इनमें नेपाल के डॉ. मिलन कुमार थापा, सदस्य सचिव, पशुपति क्षेत्र विकास कोष, रमेशराज शिवकोटी, वरिष्ठ परिषद सदस्य, पशुपति क्षेत्र विकास कोष तथा फिलींग तमांग, हिंदू युवा अभियंता प्रमुख शामिल थे। इस दौरान शिष्टाचार भेंट के साथ साथ दोनों देशों के पारंपरिक एवं मित्रवत संबंधों पर विस्तार पूर्वक चर्चा भी हुई। सम्मेलन में पूर्व मंत्री माता अमृता रावत, विभु महाराज ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया तथा सभी अतिथियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। संत महात्माओं ने अपने विचार रखे। मंच संचालन महात्मा हरि संतोषानंद जी ने किया।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page