विधानसभा में नियुक्ति की जांच को लेकर अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने गठित की कमेटी, बोलीं-ना खाऊंगी ना खाने दूंगी, कोटद्वार में एबीवीपी का प्रदर्शन
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी राजधानी से बाहर थीं। आज वापस लौटने पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 2012 से 2022 तक की नियुक्तियों की समिति जांच करेगी। इसके अलावा 2000 से 2011 तक उत्तर प्रदेश की नियामवली थी। इसे भी जांच के दायरे में लाया जाएगा। आगामी भर्तियों के लिए इस समिति की रिपोर्ट जरूरी है। इसी आधार पर आगे के नियम तय होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की बात सामने आने के बाद पिछले कुछ दिनों से पिछली विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा सचिवालय में हुई 72 नियुक्तियों में कथित अनियमितता का मामला भी तूल पकड़ा हुआ है। इसे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जांच कराने का सुझाव दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भर्तियों के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पत्र मिलने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में विधिक राय ली जा रही है। इसके बाद ही वह कोई निर्णय लेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोटद्वार में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कोटद्वार भाबर कॉलेज इकाई की ओर से जिला सह संयोजक अजय रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने यूकेएसएसएससी व विधान सभा घोटाले को जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर भ्रष्टाचारियों का पुतला जलाया गया। नगर मंत्री सागर कंडवाल ने बताया कि प्रदेश भर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद घोटालों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ विद्यार्थी परिषद समय समय पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज उठाती आ रही है। इस तरह के विरोध प्रदर्शन पूरे प्रदेश भर में किए जा रहे हैं। इस मौके पर इकाई अध्यक्ष मंजीत थपियाल, छात्रा प्रमुख मानसी रावत, नगर सोशल मीडिया प्रभारी अनंत पोखरियाल, इकाई मंत्री सुरजीत आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 33 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो।