बैकडोर से भर्तियों को निरस्त कर वाहवाही लूटने वाली विधानसभा अध्यक्ष भी विवादों में, होनी चाहिए उच्च स्तरीय जांचः लालचंद शर्मा

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने सवाल उठाया कि आखिर किस नियम के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बैकडोर से लोगों को नियुक्ति दी। यही नहीं, जिन लोगों को नियुक्ति दी गई है वह उत्तराखंड राज्य के बाहर के हैं। लालचंद शर्मा का कहना है कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की ओर से विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों को निरस्त किया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष की ओर से ही बैकडोर से कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष से पूछना चाहती है कि यह दोहरे नियम राज्य में क्यों लागू किया जा रहे हैं। एक तरफ नौकरी हटाए जा रही हैं, तो दूसरी तरफ उसी विधानसभा में लोगों की नौकरी लगाई जा रही है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लाल शर्मा ने कहा कि जिन लोगों को विधानसभा में नोकरी दी गयी है, वे सभी उत्तराखंड के बहार से हैं। अब सवाल ये भी उठता है की क्या उत्तराखंड में पढ़े लिखे लोगों की कमी हो गई है। कांग्रेस की मांग है कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बैकडोर से हुई नियुक्तियों के नए मामले की भी जांच कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद से 22 साल में 480 लोगों को विधानसभा में बैकडोर से नौकरी दी गई। इस पर शोर मचने पर स्पीकर ने तीन सितंबर को रिटायर्ड आइएएस डीके कोटिया, एसएस रावत व आवनेंद्र नयाल की एक जांच कमेटी बनाई थी। इसे एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। जांच समिति की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद भर्ती प्रकरण के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने हाल ही में बड़ा एक्शन लिया था। उन्होंने विधानसभा में 480 में से 228 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। ये 2012 के बाद से की गई तदर्थ नियुक्तियां हैं। इनमें उपनल से की गई 22 भर्तियां भी रद्द कर दी गईं। इसके साथ ही उन्होंने सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया था। इस एक्शन के बाद अब बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के कार्यकाल में भी यूपी, बिहार और दिल्ली के कुछ लोगों को ऐसी ही नियुक्तियां दी गई हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।